पुलिस विभाग में उच्च अधिकारियों के बीच चल रही अंतर्कलह ने पूरे विभाग की पोल खोल कर रख दी है । बहुचर्चित विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले में चल रही जांच के दौरान प्रदेश उच्च न्यायालय में पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा की ओर से शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी की कार्यशैली पर उठाए गए सवाल के बाद दोनों अधिकारियों के बीच तलवारें खिंच गई हैं । पुलिस महानिदेशक पर पलटवार करते हुए आज शिमला में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए संजीव गांधी ने ड्रग तस्करी सहित कही आपराधिक मामलों में पुलिस महानिदेशक के निजी स्टाफ की सीधी संलिप्तता के गम्भीर आरोप लगाए हैं । उन्होंने पुलिस महानिदेशक की ओर से खुद पर लगाए आरोपों को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को हमेशा बड़ी ईमानदारी और पारदर्शिता से निभाया है । गांधी ने कहा कि वे किसी दबाव में काम करने की अपेक्षा अपनी नौकरी छोड़ने को ज़्यादा मुनासिब समझेंगे । संजीव गांधी सुल्तान ने कुछ समय पहले शिमला की माल रोड स्थित एक रेस्तरां में हुए धमाके में भी पुलिस के उच्च अधिकारी की ओर से एनएसजी को बुलाने और आर डी एक्स ( विस्फोटक पदार्थ ) होने की झूठी कहानी गढ़ने के आरोप लगाए हैं गांधी ने कहा कि उन्होंने इस मामले में बाकायदा लिखित में में शिकायत की है लेकिन अभी तक उस मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है ।
पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक के बीच में चल रही इस खींचतान के बीच मामला काफी गंभीर होता दिख रहा है खास तौर पर प्रदेश पुलिस विभाग इस पूरे मामले में सवालों के घेरे में आ गया है अब देखना यह होगा कि दोनों ओर से लगाए गए इन आरोपों में कितनी सच्चाई है और इसमें सरकार और विभाग की ओर से किस तरह की कार्रवाई अमल में लाई जाती है ।