कांग्रेस ने केंद्र सरकार से की अग्निवीर योजना को वापिस लेने और वन रैंक वन पेंशन को सही रूप में लागू करने की मांग
कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के प्रभारी व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा ने कहा है कि देश में अग्निवीर योजना को तुरंत प्रभाव से बंद कर सेना की पुरानी भर्ती योजना को लागू किया जाए। उन्होंने कहा है कि अग्निवीर योजना से न केवल देश के युवाओं के साथ धोखा हो रहा है, बल्कि देश की सेना में भी कमी आ रही है। साथ ही इससे रोजगार के अवसर भी कम हो रहे हैं।
राणा ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हिमाचल में अग्निवीर योजना लागू से सेना में भर्ती होने वाली युवाओं की संख्या में भारी कमी आई है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पहले पुरानी ”फिक्स क्लास वैकेंसी” योजना के तहत हिमाचल से जहां 4202 युवा सेना में भर्ती होते थे, वहीं नई ”आल इंडिया आल क्लास” योजना में यह आंकड़ा गिरकर करीब 400 ही रह गया है। इससे न केवल युवाओं में भारी निराशा पैदा हुई है, बल्कि रोजगार में भी भारी कमी आई है, जबकि सेना में भर्ती रोजगार का एक बड़ा साधन था। उन्होंने कहा कि केंद्र में 2024 में कांग्रेस की सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को बंद कर पुरानी भर्ती योजना को फिर से शुरू किया जाएगा।
राणा ने कहा कि 70 लाख की जनसंख्या वाले हिमाचल से सबसे ज्यादा 1095 गैलेंटरी अवार्ड विनर हैं। हिमाचल में जहां 1.20 लाख पूर्व सैनिक हैं, वहीं 40 हजार सेवारत सैनिक, 36 हजार विधवाएं और 3600 वीर नारियां हैं। इस प्रकार दो लाख लोग सेना से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि देश में 10 लाख की जनसंख्या पर सेना में भर्ती होने की दर हिमाचल में सर्वाधिक 402 है, जबकि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 37 ही है। उन्होंने कहा कि 2018-19 में हिमाचल से 4202 युवा सेना में भर्ती हुए, जबकि उत्तर प्रदेश से 6 हजार और पंजाब से 5 हजार हुए थे।
वन रैंक वन पैंशन के मामले पर भी पूर्व सैनिकों के साथ छल किया
कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के प्रभारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन के मामले पर भी पूर्व सैनिकों के साथ छल किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना को इसकी परिभाषा के मुताबिक लागू नहीं किया है और इसके कारण ही पूर्व सैनिक जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इसे सही रूप में लागू करते हुए पूर्व सैनिकों के एरियर का भी तुरंत भुगतान करना चाहिए।
राणा ने कहा कि केंद्र सरकार ने विकलांग हो चुके सैनिकों की भावना से भी खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी गई और फिर जाकर अब पेंशन मिलनी तो शुरू हुई, लेकिन सरकार ने फिर पेंशन पर कर लगाने का सर्कुलर जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर भी लड़ाई लड़ी गई है और फिर जाकर व वह सर्कुलर वापस लिया गया है।
राणा ने कहा कि केंद्र सरकार केंट की जमीनों को इसके दायरे से बाहर लाकर कारपोरेट के हाथों देना चाहती है। यह सेना के लिए सही नहीं है। इसलिए उनकी मांग है कि इस कदम को सरकार वापस ले। साथ ही कहा कि मांग की कि केंट के इलाकों को नगर निगम या नगर परिषदों में न लाया जाए। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा, सेवानिवृत कैप्टन किशन ठाकुर उपस्थित रहे।
राणा ने कहा कि हिमाचल में पूर्व सैनिकों की कोटे के मुताबिक भर्ती नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि मेडिकल सेवा में भर्ती के आड़े जमा दो में मेडिकल विषय न होना आड़े आ रहा है। उन्होंने मांग की कि इसके लिए राज्य सरकार को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में बदलाव किया जाए ।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार विकलांग सैनिकों को पेंशन नहीं देना चाहती और सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में दायर केस को लड़ने के लिए वकीलों को 8 करोड़ रुपए दिए। उन्होंने कहा कि जब लड़ाई लड़ने के बाद विकलांगता पेंशन बहाल हुई तो अब इस पर टैक्स लगाने का फरमान जारी किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले पर लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने अग्निवीर योजना पर केंद्र को आड़े हाथों लिया और इस संबंध में भाजपा नेता द्वारा दिए गए बयान का जिक्र किया और कहा कि भाजपा चाहती है कि अग्निवीर सेना से वापस आने के बाद भाजपा कार्यालय में चौकीदार लगे। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने पर पुराने सिस्टम से ही सेना में भर्ती होगी और खाली पदों को भी भरा जाएगा।