बीमा पॉलिसी लेने से पहले सही जानकारी लें उपभोक्ता, 5 लाख रुपये से ज्यादा है प्रीमियम तो पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि पर देना होगा टैक्स
इंश्योरेंस इंडस्ट्री में उन जीवन बीमा पॉलिसियों की मैच्योरिटी को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है जिनका सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपये से कम है लेकिन 1 अप्रैल 2023 के बाद जारी की गई ऐसी जीवन बीमा पॉलिसियां जिनका वार्षिक प्रीमियम कुल मिलाकर 5 लाख रुपये से ज्यादा है, उनकी मैच्योरिटी राशि पर टैक्स लिया जाएगा। वरिष्ठ वित्तीय सलाहकार सुनील डोगरा ने बताया कि इंडस्ट्री में आए इस बदलाब के बाद उपभोक्ता को सही जानकारी लेने के बाद ही बीमा पॉलिसी के प्रीमियम का चयन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर उपभोक्ता की पॉलिसी की मैच्योरिटी टैक्स के दायरे में आती है तो उतना टैक्स देना पड़ेगा जितने टैक्स स्लैब मैं वो आते है। उधारण के तौर पर अगर उपभोक्ता 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आते हैं तो मैच्योरिटी रकम का 30 प्रतिशत ही टैक्स देना होगा। उन्होंने बताया कि यूनिट लिंक्ड प्लान में भी 2.5 लाख तक के प्रीमियम की पॉलिसी की मैच्योरिटी पर भी किसी भी तरह का टैक्स देय नहीं होगा, लेकिन यू लिप में 2.5 लाख से ज्यादा प्रीमियम की पॉलिसी की मैच्योरिटी पर शॉर्ट टर्म कैपिटल और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन देना होगा। इसका मतलब एक उपभोक्ता एंडोमेंट पॉलिसी में 5 लाख प्रीमियम और यू लिप पॉलिसी में 2.5 लाख प्रीमियम , कुल मिलाकर 7.5 लाख सालाना प्रीमियम की पॉलिसी की मैच्योरिटी टैक्स फ्री ले सकता है। उन्होंने बताया कि बीमा अभिकर्ता को भी पॉलिसी समझाते समय इस बदलाब के बारे में उपभोक्ता को सारी जानकारी सांझा करनी चाहिए जिससे उनको प्रीमियम और पॉलिसी चुनने में आसानी होगी।