2015 से पहले के बने और 10 साल से अपडेट नहीं हुए आधार-कार्ड को अपडेट करवाना है जरूरी, न करने पर हो सकते लाभान्वित योजनाओं से वंचित
2015 के पहले बने आधार-कार्ड को अपडेट कराना बहुत जरूरी
सत्यापन के लिए पहचान पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र जरूरी
यदि आपका आधार कार्ड 2015 से पहले बना और पिछले 10 सालों से अपडेट नहीं है, तो मुश्किल में पढ़ सकते हैं। इसलिए आधार कार्ड से संबंधित सारे दस्तावेजों को 14 सितंबर से पहले अपडेट जरूर करा लें। आधार कार्ड अपडेट नहीं रहने से कुछ लोगों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत मिलने वाले दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन के अंतर्गत मिलने वाला मासिक पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। क्योंकि आधार कार्ड के सत्यापन में दिक्कत आ रही है।
क्योंकि सरकारी तंत्र मान रहा कि 10 साल बाद लोगों के फोटो में अंतर आना स्वभाविक है। ज्यादा समय के बाद फोटो से लेकर उंगलियों के चिन्ह में भी अंतर आने लगते हैं।
इससे मिलान के समय दिक्कत आ रही हैं। मिलान नहीं होने पर आधार कार्ड उपयोग में नहीं आएगा। इसलिए बायोमेट्रिक कराना जरूरी हैं। समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को अपना पुराना आधार कार्ड जल्द से जल्द अपडेट करा लेने चाहिए। ताकि योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिलता रहें। आधार कार्ड के सत्यापन के लिए नि:शुल्क सेवा भी है। इसके लिए आधार एप से कागजातों का सत्यापन कराया जा सकता है आधार सेंटर पर कागजातों के सत्यापन कराने में 50 रुपया का खर्च कर अपडेट कराया जा सकता है।
आधार सेंटर में कार्य करने वाले लोगों ने बताया कि 10 वर्ष पहले आधार कार्ड बनाने के समय दो तरीके के कागजात लिए गए थे। जिनमें एक पहचान पत्र। जबकि दूसरा आवासीय प्रमाणपत्र था। इन प्रमाण पत्रों की ओरिजिनल कॉपी को स्कैन करके वेरिफिकेशन किया जाना है। सीएससी चलाने वाले संचालक ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार 10 साल के अंतराल में यदि आपने आधार कार्ड में कोई अपडेट नहीं कराया है, तो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराना आवश्यक है।
अगर आप इस प्रक्रिया को निःशुल्क करना चाहते है तो आप इसे ऑनलाइन भी करा सकते हैं। बस यह साबित करना होता है कि जिस वक्त आपने आधार कार्ड बनवाया था, उस वक्त जो दस्तावेज लगाए थे, वहीं हैं। इसके लिए उन्हें दस्तावेज अपलोड कराने होते हैं। 10 साल तक आधार कार्ड के प्रयोग न होने की स्थिति में माना जाता है कि संबंधित व्यक्ति कहीं बाहर चला गया है या उसकी मृत्यु हो गयी है। ई-केवाईसी संबंधित व्यक्ति की प्रमाणीकरण प्रक्रिया है।