महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश की विशाल जीत से भाजपा गदगद जबकि वायनाड से प्रियंका वाड्रा की जीत पर कांग्रेस मना रही है खुशी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को बड़ी जीत जबकि उत्तरप्रदेश उपचुनाव में भाजपा की विशाल जीत से भाजपा गदगद है इस उपलक्ष्य पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने पीएम नरेंद्र मोदी , भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह को शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगी 233 सीटों पर आगे है। इसी के साथ इस चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उन्होंने इस जीत को ऐतिहासिक बताया।
महाराष्ट्र में महायुति की जीत पर बिंदल ने कहा, “एक साथ होकर हम और भी ज्यादा ऊंची उड़ान भरेंगे। महाराष्ट्र के भाइयों और बहनों, विशेषकर राज्य के युवा और महिलाओं का एनडीए की ऐतिहासिक जीत के लिए आभार व्यक्त करता हूं। भाजपा लोगों को आश्वासन देती है कि हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा।”
उन्होंने कहा, “जय महाराष्ट्र। इस ऐतिहासिक जनादेश के लिए महाराष्ट्र की जनता का कोटि-कोटि वंदन। छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबासाहेब आंबेडकर जी, ज्योतिबा फुले जी और वीर सावरकर जी की पुण्यभूमि महाराष्ट्र ने विकास के साथ-साथ संस्कृति और राष्ट्र को सर्वोपरि रखने वाले महायुति गठबंधन को इतना प्रचंड जनादेश देकर भ्रम और झूठ के सहारे संविधान के नकली हितैषी बनने वालों की दुकान पर ताला लगाने का काम किया है। यह जीत हर एक महाराष्ट्रवासी की जीत है।”
इस उपलक्ष्य पर भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती, सुरेश कश्यप, संसद अनुराग ठाकुर, कंगना रनौत, डॉ राजीव भारद्वाज, हर्ष महाजन, डॉ सिकंदर कुमार, इंदु गोस्वामी, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, महामंत्री बिहारी लाल, त्रिलोक कपूर, विधायक रणधीर शर्मा, त्रिलोक जमवाल, राकेश जमवाल, सुखराम चौधरी, विपिन सिंह परमार ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह को बधाई दी।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को भले ही इन राज्यों में करारी हाल से धक्का लगा हो लेकिन झारखंड में JMM और कांग्रेस के गठबंधन को मिली जीत के अलावा प्रियंका वाड्रा की बड़ी जीत से कांग्रेस को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है ।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को वायनाड़ उप-चुनाव में शानदार जीत के लिए हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी रिकॉर्ड जीत उनके चुनावी सफर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इससे कांग्रेस पार्टी को और मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने झारखंड विधानसभा चुनाव में सफलता के लिए वरिष्ठ नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी बधाई दी और कहा कि यह उनकी लग्न और कड़ी मेहनत का परिणाम है।
मीडिया के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में सहयोगात्मक राजनीति के बजाय अवरोधकारी राजनीति करने के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा, भाजपा प्रदेश की जनता के हितों की बात और अपने पांच साल के प्रदर्शन पर चर्चा करने से बचती है। इसके बजाय वे शौचालय कर और समोसे जैसे मामलों पर ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं। जनता को यह जानने का हक है कि उनके शासन में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के स्तर में गिरावट क्यों आई।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अपने वादों को पूरा करने और प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोग पांच साल के लिए सरकार चुनते हैं और लोकतंत्र लोगों की आवाज है। हालांकि, भाजपा राज्य की प्रगति में बाधा उत्पन्न कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा पांच गुटों में बंटी हुई है, जिनमें जगत प्रकाश नड्डा, अनुराग सिंह ठाकुर, जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल और कांग्रेस के पूर्व सदस्यों का एक समूह शामिल है, जो भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिन्हें अब ईस्ट इंडिया कंपनी कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष, नीति-आधारित आलोचना में शामिल नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत रूप से उन पर निशाना साध रहा है। उन्होंने कहा, विपक्ष के प्रयासों के बावजूद, वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़़ है। पिछले दो वर्षों में, सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, जो विपक्ष के लिए चिंता का विषय बन गया है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सवाल किया कि भाजपा के कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान पर क्यों पहुंचा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने शानदार उपलब्धियां अर्जित की हैं। मनरेगा मजदूरी में 60 रुपये की वृद्धि और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है। उन्होंने कहा कि सरकार दृढ़़ और निर्णायक कदम उठाएगी जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश की ओर बढ़ रही है, जिसकी नींव वर्तमान सरकार द्वारा पहले ही रखी जा चुकी है।
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