लाखों करोड़ों के चंदे के बावजूद देवठ सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट का सराय भवन रो रहा है बदहाली के आंसू,प्रशासन बने बैठा है मूक दर्शक,श्रद्धालुओं ने उठाए सवाल राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजी जानकारी
प्रदेश के बहुत से मंदिर सरकार के नियंत्रण में है और उन मंदिरों और उनके सराय भवन की देखभाल व रखरखाव का ज़िम्मा सरकार व प्रशासन के हाथ में होता है । मंदिरों को वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ावे के रूप में बड़ी राशि प्राप्त होती है जिससे आराम से उनका सौंदर्यीकरण व रख-रखाव किया जा सकता है लेकिन कुछ मंदिरों व उनके सराय भवनों की हालत इसके बावजूद भी बेहद दयनीय बनी हुई है ऐसा ही सराय भवन है बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट के अंतर्गत शाहतलाई में सिद्धांचल सराय भवन ।
इस भवन की दीवारें,दरवाजे और बाथरूम व शौचालय की इस कद्र बेहाली है कि बड़ी श्रद्धा से विश्राम की हसरत से पहुंचने वाले बाबा के भक्तों को आराम की बजाय निराशा और परेशानी हाथ लगती है । लोग हैरान हैं कि सरकार व प्रशासन इसके रख रखाव की ओर ध्यान क्यों नहीं दे रहे कम से कम भक्तों के चढ़ावे की राशि से ही इसकी मरम्मत का काम किया जाए । सवाल ये है कि सरकार इस राशि को कहां खर्च कर रही है और अगर इसके रख रखाव व मरम्मत पर खर्च नहीं हो रही तो उस पर कुंडली मारकर जॉन बैठा है । यहां बाबा के दर्शन को दूर – दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और थके मांदे जब सराय में पहुंचते हैं तो उन्हें न तो आराम मिल पाता है और न सुरक्षा, दरवाजों की कुंडिया तक गायब है । शिमला से अपने परिवार के साथ बाबा बालकनाथ जी के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु,जागरूक नागरिक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य वाई के शर्मा भी यहां की व्यवस्था देखकर इतने व्यथित हो गए कि उन्होंने इस सराय भवन की दुर्दशा की पूरी कहानी को एक पत्र के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजने की पहल की ताकि वे इस मामले में उचित कार्रवाई कर सके । उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी मंदिर के सराय भवन की दुर्दशा को उजागर करने का प्रयास किया है ।
प्रभारी अधिकारी/सचिव बाबा बालक नाथ ट्रस्ट, देवथसिद्ध हिमाचल प्रदेश
विषय: बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट के अंतर्गत शाहतलाई में सिद्धांचल की दयनीय स्थिति के संबंध में शिकायत
आदरणीय महोदय, मैं बाबा बालक नाथ ट्रस्ट द्वारा नियंत्रित सराय की खराब स्थिति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं। एक आगंतुक और श्रद्धालु के रूप में, मैं उचित रखरखाव की कमी के बारे में गहराई से चिंतित हूं, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा करता है।
22/11/2024 को मैंने ऑनलाइन सिद्धांचल में एक कमरा बुक किया था। लेकिन जब मैं अपनी बुकिंग के अनुसार वहाँ पहुँचा तो पाया कि कमरे गंदे और दयनीय हालत में थे। कमरे और इमारत की दीवारें लंबे समय से इस सराय के रखरखाव न होने की कहानी बयां कर रही थीं। मुझे दुख हुआ कि इतनी विशाल और सुंदर इमारत ट्रस्ट के ध्यान न देने के कारण दयनीय स्थिति में है, जबकि साल भर में लाखों भक्तों द्वारा दी जाने वाली अच्छी आय इस इमारत से होती है। दरवाजों में कोई कुंडी नहीं थी और सभी कमरों में महंगे गीजर लगे हुए हैं, लेकिन सभी खराब पाए गए। यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि ट्रस्ट की बड़ी आय होने के बावजूद इमारत का रखरखाव और मरम्मत आज तक क्यों नहीं की गई।
रखरखाव और मरम्मत की कमी न केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालती है, बल्कि ऐसे पवित्र स्थल पर जाने से जुड़े आध्यात्मिक अनुभव को भी कम करती है। एक प्रमुख धार्मिक स्थल होने के नाते, इमारत को संबंधित अधिकारी द्वारा तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
मैं आपके सम्मानित विभाग से अनुरोध करता हूँ कि इस सराय की मरम्मत और जीर्णोद्धार के लिए तत्काल कदम उठाएँ। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए दरवाज़ों की मरम्मत, दीवारों की सफेदी, प्रकाश व्यवस्था में सुधार और प्लास्टरिंग जैसे उपाय प्राथमिकता के आधार पर किए जाने चाहिए।
मुझे उम्मीद है कि इस मामले को तत्परता से निपटाया जाएगा, और इस पवित्र स्थल की पवित्रता और पहुंच को बहाल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मैं इस मुद्दे पर आपकी त्वरित प्रतिक्रिया और समाधान की आशा करता हूँ।
इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद। कॉपी (फ़ोटो) ane alleched
सादर, यादवेन्द्र कुमार
जिम्मेदार वरिष्ठ नागरिक और बाबा के भक्त
9418025403
प्रतिलिपि महामहिम राज्यपाल हिमाचल प्रदेश को 2.प्रतिलिपि हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को