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उपायुक्त अनुपम कश्यप ने हर पटवार सर्कल में लंबित निशानदेही के मामलों की ली रिपोर्ट , निशानदेही में देरी पर उपायुक्त हुए तल्ख, देरी के लिए फील्ड स्टाफ पर कार्रवाई की दी चेतावनी

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शिमला के जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने सुन्नी उपमंडल के तहत पटवारियों के साथ वीरवार को खंड विकास कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में विशेष बैठक की।
उपायुक्त ने पटवारियों के रिकॉर्ड को बैठक में क्रॉस चेक किया। उपायुक्त ने हर पटवार सर्कल में लंबित निशानदेही के मामलों की रिपोर्ट ली। जब उपायुक्त ने रजिस्टर चेक किए तो कई जगह दो-दो साल से भी निशानदेही नहीं हो पाई है। सुन्नी कानूनगो से निशानदेही के देरी पर कारण स्टेटस पूछा गया। कानूनगो खटनोल के रिकॉर्ड को जब उपायुक्त ने चेक किया तो दो साल में एक सम्मन काटा गया है।
उपायुक्त ने पिछले एक साल से अधिक समय से लंबित निशानदेही के मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि इतने समय से निशानदेही में देरी होना चिंताजनक है। फील्ड स्टाफ बेवजह कामों में अड़चन न लगाए। उन्होंने निर्देश दिए कि 12 प्रकार के रजिस्टर अप टू डेट होने चाहिए। किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगले 10 दिनों में निशानदेही के लंबित मामलों के निपटारे की सूचना देनी होगी।
इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, एसडीएम सुन्नी राजेश वर्मा, जिला राजस्व अधिकारी सुमेध शर्मा सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।


बैठक में सामने आया कि कुछ जगह पर पटवारी अपने-अपने सर्कल में लंबरदारों के नियुक्ति पत्र चेक करें। असल में जिसे उपायुक्त की ओर से नियुक्ति पत्र मिला होगा उसे ही लंबरदार माना जाएगा। बिना नियुक्ति के लंबरदार कोई पाया गया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बैठक में जूनी पटवार सर्कल में इसी तरह का मामला सामने आया है। इस बारे में पटवारी ने आला अधिकारियों को सूचित भी कर दिया है।
उपायुक्त ने बैठक में कहा कि अगर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी तैनात क्षेत्र से बाहर बिना स्थान छोड़ने की अनुमति के अवकाश पर पाया गया तो उसके खिलाफ सीसीएस नियमों के तहत कार्रवाई करने के निर्देश रिपोर्टिंग ऑफिसर को दिए गए है। असल में बैठक में कानूनगो खटनोल द्वारा रोजाना शिमला से अप-डाउन करने का मामला सामने आया। इस पर उपायुक्त ने सख्त निर्देश दिए कि भविष्य में अगर ऐसा पाया गया तो विभागीय कार्रवाई होगी। उपायुक्त ने कहा कि स्टेशन को बिना अनुमति के छोड़ना सेवा नियमों के खिलाफ है। इस से सरकारी कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
बैठक में उपायुक्त ने जूनी पटवारी से इस साल मानसून में पेड़ गिरने के कितने मामले रिकॉर्ड में दर्ज किए गए बारे में पूछा तो पटवारी ने बताया कि सिर्फ एक ही पेड़ की रिपोर्ट डाली गई है। उपायुक्त ने कहा कि असल में तो एक पटवार सर्कल में एक से अधिक पेड़ गिरना सामान्य बात है। जब पूछा गया तो पिछले चार सालों से मात्र एक ही पेड़ गिरने की रिपोर्ट हुई है। उपायुक्त ने कहा कि हर पेड़ गिरने की रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए।
पटवारी को सबसे पहले डैमेज रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। इसके बाद तय नियमों के अनुसार रिपोर्ट बनाए। साधारण कागज पर बिना तिथि के जारी हुई डैमेज रिपोर्ट किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगी। अगर इस तरह की डैमेज रिपोर्ट पाई गई तो सीधे पटवारी का निलंबन किया जाएगा। अगर प्रशासन को किसी नुकसान की सूचना मिलती है और पटवारी ने उस नुकसान की रिपोर्ट नहीं डाली होगी तब भी पटवारी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई अमल में लाएंगे।

ग्राम सभा में मौजूद रहना कानूनगो व पटवारी का कर्तव्य
उपायुक्त ने कहा कि ग्राम सभा में मौजूद रहना कानूनगो व पटवारी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि फील्ड स्टाफ को हर ग्राम सभा में मौजूद होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी ग्राम सभा में पटवारी व कानूनगो जायेंगे और इसकी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को प्रेषित करेंगे।
बैठक में उपायुक्त ने फील्ड स्टाफ से अपने-अपने एरिया में चिल्ड्रन ऑफ स्टेट के बच्चों की सूचना मांगी तो कोई भी पटवारी और कानूनगो सूचना नहीं दे पाया। उपायुक्त ने कहा कि बेहद चिंताजनक है कि प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना के लाभार्थियों के बारे में फील्ड स्टाफ को कोई सूचना ही नहीं है।

उपायुक्त ने कहा कि नशे के खिलाफ प्रदेश सरकार ने चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान शुरू किया है। इसे धरातल पर उतारने के लिए सभी पटवारी फील्ड में तत्परता से काम करें। इसके अतिरिक्त सर्दी और बर्फ़बारी के दौरान किसी भी आपात स्थिति में तुरंत जिला प्रशासन को सूचित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अगर सोशल मीडिया पर किसी घटना का पता चले तो तुरंत उसकी पुष्टि करें और प्रशासन को सूचना दें।

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