जल जीवन मिशन के अंतर्गत हिमाचल को मिली सर्वाधिक प्रोत्साहन निधि
जल जीवन मिशन के अंतर्गत भौतिक और वित्तीय प्रगति तथा निधि उपयोग की बेहतर क्षमता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए हिमाचल प्रदेश को देश के सात राज्यों को आवंटित 464.28 करोड़ रूपये में से सर्वाधिक 221.28 करोड़ रूपये प्रोत्साहन निधि के रूप में प्राप्त हुए हंै। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज मण्डी जिले के पण्डोह स्थित बी.बी.एम.बी. विश्राम गृह में जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और लाॅकडाउन की स्थिति के बावजूद नवम्बर, 2020 तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत चार किश्तों में प्राप्त धनराशि के व्यय तथा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में हिमाचल प्रदेश ने देश का पहला राज्य होने का गौरव हासिल किया है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि जल जीवन मिशन एक सर्वव्यापी जलापूर्ति योजना है जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी गांवों के घरों में पाइपों से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के 13 लाख से अधिक घरों में जल कनेक्शन प्रदान कर ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया है। प्रदेश के तीन जिलों, 11 खंडों, 825 पंचायतों और 8 हजार 346 गांवों को हर घर जल के अंतर्गत लाया गया। प्रदेश के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ियों को इस योजना से जोड़कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है।
जय राम ठाकुर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत 100 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के निर्धारित लक्ष्य को हिमाचल प्रदेश जुलाई, 2022 तक पूरा कर लेगा। प्रदेश सरकार जल जीवन मिशन के अंतर्गत न केवल हर घर तक पानी पहुंचाने बल्कि जल संरक्षण एवं संग्रहण जैसी योजनाओं पर भी कार्य कर रही है ताकि अधिक उपयोग के कारण भूमि के लगातार कम होते जल स्तर को फिर से रिचार्ज किया जा सके ।
मुख्यमंत्री ने राज्य को 221.28 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रदेश में जल जीवन मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर के प्रयासों की भी सराहना की।
उन्होंने इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों को पक्का करने के कार्य को गति प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय के सहयोग से तारकोल की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी ताकि सड़कों को युद्ध स्तर पर पक्का किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दूर-दराज क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याएं भी सुनीं।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, विधायक सुरेन्द्र शौरी और जिला के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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