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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हज़ारों कर्मचारियों ने विधानसभा के बाहर बोला ज़बरदस्त हल्ला,मुख्यमंत्री ने पेंशन बहाली की संभावना को तलाशने के लिए गठित की कमेटी

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केंद्र में भाजपा की अटल बिहारी वाजपेई की सरकार और राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बंद की गई कर्मचारियों की पेंशन का मामला अब जयराम ठाकुर के गले की फांस बन गया है पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आज प्रदेश भर से हजारों की संख्या में कर्मचारियों का सैलाब विधानसभा परिसर के बाहर उमड़ पड़ा जिसमें पुलिस और कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति भी बनती नज़र आई ।

कर्मचारियों ने शिमला के 103 के समीप चक्का जाम किया जिससे यातायात बड़ी देर तक अवरुद्ध रहा और आम जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। हजारों की संख्या में इकट्ठे हुए कर्मचारियों को रोकने में पुलिस नाकाम रही और बड़ी संख्या में हाथों में झंडे लिए और सर पर पुरानी पेंशन बहाली के नारे लिखी टोपी लगाए यह कर्मचारी विधानसभा परिसर के बाहर इकट्ठा हुए । इस दौरान पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें डाली लेकिन इसके बावजूद भी कर्मचारियों के मजबूत इरादे के आगे शिमला पुलिस उन्नीस साबित हुई ।

उधर विधानसभा के गेट पर ताले लगा दिए गए ताकि किसी तरह की मुश्किल परिस्थिति पैदा ना हो। विधानसभा के भीतर कांग्रेस पार्टी ने पुरानी पेंशन बहाली की जोरदार वकालत की लेकिन कर्मचारियों के बीच कांग्रेस का कोई नेता नजर नहीं आया और ना ही उन्होंने कर्मचारियों को संबोधित किया। उधर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश की उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार देश की पहली सरकार है जिसने पुरानी पेंशन को बंद करने का फैसला लिया था । जयराम ठाकुर ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर किसी भी तरह की संभावना तलाशने के लिए बाकायदा एक कमेटी का गठन भी कर लिया है । जयराम ठाकुर पर चुनावी वर्ष होने के साथ-साथ राजस्थान में गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई पुरानी पेंशन बहाली से चौतरफा दबाव बनता नजर आ रहा है । वैसे भी चुनावी वर्ष में हर कोई अपनी मांग को मनवाने के लिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार करता है क्योंकि उसे मालूम होता है कि चुनावी वर्ष में सरकारें अक्सर लोगों को खुश करने के लिए उनकी मांगों को पूरा करती है । कर्मचारियों ने भी सरकार की इसी दुखती रग पर हाथ रखते हुए इस बार यह जोरदार प्रदर्शन किया है और सरकार के समक्ष अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है । अब देखना यह होगा कि इस प्रदर्शन का राज्य सरकार पर या मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर कितना असर होता है । हालांकि इस बात की संभावनाएं बेहद कम है लेकिन फिर भी ये देखना भी दिलचस्प होगा कि कल 4 मार्च को पेश किए जा रहे सरकार के बजट में पुरानी पेंशन बहाली का जिक्र होता है या नहीं ।

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