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मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को घर द्वार पर शिक्षा पहुंचाने के राज्य सरकार के संकल्प को दोहराया, बच्चों से कड़ी मेहनत करने का किया आह्वान

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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को उनके घर-द्वार पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने यह बात मंडी स्थित वल्लभ राजकीय महाविद्यालय के 71वें वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर कही ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थापना वर्ष 1948 से लेकर अब तक मंडी के वल्लभ राजकीय महाविद्यालय में अनेक बदलाव आए हैं। महाविद्यालय में न केवल आधारभूत ढांचे में सुधार हुआ है अपितु संस्थान ने शिक्षा, खेल, राजनीति, सामाजिक सेवा और अन्य क्षेत्रों में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी है जिससे उन्होंने न केवल अपने माता-पिता व अध्यापकों का नाम ऊंचा किया है, बल्कि उन्होंने समूचे प्रदेश को गौरवान्वित किया है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि इस महाविद्यालय का नाम स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल एक महान नेता थे जिन्होंने स्वतंत्र भारत में लगभग 522 छोटी-बड़ी रियासतों का एकीकरण करने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि 7200 से अधिक विद्यार्थियों वाले इस प्रतिष्ठित संस्थान में उन्हें भी पढ़ाई करने का सुअवसर मिला। जब भी वे इस महाविद्यालय में आते हैं तो पुरानी अच्छी यादें उनकी आंखों के सामने आ जाती हैं। उन्होंने कहा कि 27 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले महाविद्यालय के नए परिसर का लोकार्पण इस वर्ष अगस्त माह में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मंडी में प्रदेश का दूसरा राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय क्षेत्र के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में मीलपत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित की जा रही है तथा संस्थान इस वर्ष से ही क्रियाशील हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 8500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला में 18 से अधिक महाविद्यालय हैं जिससे राज्य सरकार की शिक्षा के प्रसार के प्रति प्रतिबद्धता परिलक्षित होती है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि अब राज्य सरकार का मुख्य ध्येय वर्तमान शैक्षणिक संस्थानों के आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करना है जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने संस्थान में बिताए अपने पुराने दिनों को याद करते हुए छात्रों से विद्यार्थी जीवन का आनन्द लेने के साथ-साथ जीवन में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए परिश्रम करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि संस्थान में बिताया अध्ययन काल विद्यार्थियों को जीवन की चुनौतियों के लिए भी तैयार करता है।

मुख्यमंत्री ने कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों द्वारा निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए उनका आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह केवल राज्य के लोगों व युवाओं के सहयोग के कारण ही सम्भव हो पाया कि हिमाचल प्रदेश कोरोना टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत प्रथम और द्वितीय डोज लगवाने में देश में अग्रणी बन सका।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मेधावी छात्रों और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया।

महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. वाई.पी. शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और महाविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने मण्डी में राज्य का द्वितीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से महाविद्यालय में इन्डोर खेल सुविधा प्रदान करने और महाविद्यालय के शिक्षक और गैर-शिक्षक स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने महाविद्यालय के विद्यार्थियों की अध्ययन, खेल और अन्य गतिविधियों में उपलब्धियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

नाचन के विधायक विनोद कुमार, सुन्दरनगर के विधायक राकेश जम्वाल, बल्ह के विधायक इन्द्र सिंह गांधी, मिल्कफेड के अध्यक्ष निहाल चन्द शर्मा, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद राजबली, नगर निगम मण्डी की महापौर दीपाली जसवाल, महाविद्यालय पीटीए के अध्यक्ष बलवंत कुमार, अभिभावक, महाविद्यालय के अध्यापक, विद्यार्थी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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