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शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज शिमला शहर में पानी की समस्या के निराकरण के लिए गुम्मा स्थित पम्पिंग स्टेशन का किया निरीक्षण

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शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज शिमला शहर में पानी की समस्या के निराकरण के लिए गुम्मा स्थित पम्पिंग स्टेशन का निरीक्षण किया औरवर्तमान स्थिति का जायज़ा लिया ।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला शहर को पानी की आपूर्ति गुम्मा पम्पिंग स्टेशन से की जाती है। हाल ही में ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से पानी की कमी आंकी गई थी। लेकिन अब ट्रांसफॉर्मर ठीक काम कर रहा है। इसके अतिरिक्त नए ट्रांसफॉर्मर की खरीद के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। 

इसके अतिरिक्त गुम्मा में पानी की कमी को दूर करने के लिए चाबा से अतिरिक्त पानी उठाया जा रहा है।

शहरी विकास मंत्री ने गाद से निपटने के लिए बनाए गए चैम्बर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में गाद की समस्या से पानी की सप्लाई प्रभावित होती थी। इस चैम्बर के बनने से गाद की समस्या नहीं रहेगी। 

उन्होंने पानी की इस योजना से गुम्मा में कृषकों को हुए नुकसान का मुआवजा देने के लिए उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

शहरी विकास मंत्री ने शकरोड़ी में विश्व बैंक से पोषित 1813 करोड़ रुपये की परियोजना का भी निरीक्षण किया, जिससे शिमला शहर को 2050 तक पानी की समस्या दूर होगी। भारद्वाज ने कहा कि इस योजना के लिए रिकार्ड समय में वन विभाग की स्वीकृति ली गयी है।  उन्होंने बताया कि योजना पर काम शुरू है और तय समय में योजना लोकार्पित होगी। 

शिमला जल आपूर्ति और मल निकासी परियोजना का उद्देश शिमला व साथ लगते क्षेत्रों में आने वाले समय के लिए पानी की मांग को पूरा करना है। शहर को 67 एम एल डी अतिरिक्त पानी पहुंचाने के लिए यह परियोजना प्रस्तावित है। अगले 30 वर्षों को ध्यान में रख कर यह योजना बनाई गयी है। सभी औपचारिकताएं जल्दी ही पूरी कर ली जाएंगी।  उन्होंने कहा कि शिमला को 24 घंटे पानी मिले यह उनका वायदा भी था और जल्द पूरा भी होगा।

इसके अतिरिक्त, शिमला के मैहली, पंथाघाटी, टूटू और मशोबरा क्षेत्रों में मलनिकासी प्रणाली प्रदान की जाएगी। यह राज्य के लिए एक प्रमुख परियोजना होगी जो शिमला में बेहतर जलापूर्ति और मलनिकासी प्रणाली प्रदान करने का प्रयास करेगी और वर्ष 2050 तक शहर की आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

उन्होंने कहा कि पानी की दृष्टि से शहरी विकास विभाग को अमरूत मिशन के अंतर्गत दूसरे चरण में पेयजल एवं सीवरेज की समस्या के लिए 252 करोड़ रुपये की ग्रांट मिल चुकी है। योजना के अंतर्गत सभी शहरी निकायों में पेयजल एवं सीवरेज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

इस मौके पर नगर निगम महापौर सत्या कौंडल और शिमला जल प्रबंधन निगम के निदेशक दिग्विजय सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी गण भी मौजूद रहे ।

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