आई एस बी टी में मेसर्स खान कंस्ट्रक्शन कम्पनी की मनमानी एक बार फिर चरम पर, पैदल रास्ते पर बना डाली दुकानें, सरकार और प्रशासन ने मूंदी आंखें ।

राजधानी शिमला का टूटीकंडी स्थित आईएसबीटी 2011 में बी ओ टी के आधार पर 80 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ था लेकिन तब से आज तक शायद ही कोई समय ऐसा गया हो जब यह चर्चा में ना रहा हो और चर्चा भी नियमों और शर्तों की अवहेलना को लेकर।


मेसर्स खान कंस्ट्रक्शन कम्पनी की ओर से 2011 में जब ये बस अड्डा बनकर तैयार हुआ था तो उस समय यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देने की बात की गई थी लेकिन सुविधाओं के नाम पर इसमें ज्यादा कुछ नहीं किया गया और जो सुविधाएं दी गई थी उन्हें भी समय-समय पर या तो बंद कर दिया गया या कम कर दिया गया । कभी यहां बनी लिफ्ट बंद हो जाती है तो कभी खानपान की व्यवस्था में त्रुटियां पाई जाती है । यही नहीं यहां बने शौचालय में भी मनमाने दाम वसूले जाते हैं अब एक नया मामला सामने आया है जिसमें आईएसबीटी में बने पैदल रास्ते को ही बंद कर दिया गया है और यहां पर दुकानें बनाई जा रही है इन सब को लेकर सरकार और प्रशासन आंखें मूंद कर ऐसे बैठे हैं जैसे बिल्ली को देखकर कबूतर अपनी आंखें ये समझकर मूंद लेता है कि बिल्ली को वो दिखेगा ही नहीं । तभी तो ना तो सरकार कोई कदम उठा रही है न नगर निगम और न ही जिला प्रशासन। ऐसे में खान कंस्ट्रक्शन कंपनी को मनमानी करने की खुली छूट मिली हुई है ।


यहां पैदल चलने के स्थान पर दुकानें खुलने के बाद पैदल यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा लेकिन इससे खान कंस्ट्रक्शन कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ता और जिन्हें फर्क पड़ता है उनकी कोई सुनने वाला नहीं है । वे अपनी आवाज न तो प्रशासन तक और न ही सरकार तक पहुंचा पाते हैं । भले ही सरकार इस कम्पनी की मनमानी को रोकने का कोई प्रयास न कर रही हो लेकिन उसे ये मालूम होना चाहिए कि ये पब्लिक है सब जानती है ।