उमंग फाउंडेशन की ओर से मामला उजागर करने के बाद सरकार ने दिव्यांग छात्राओं से भेदभाव पर आरकेएमवी की प्रिंसिपल के खिलाफ दिए जांच के आदेश
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर आरकेएमवी कॉलेज की प्रिंसिपल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। राज्य विकलांगता आयुक्त एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य एवं उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा सचिव को कहा है कि वह मामले की जांच कराएं और 3 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करें।
शिक्षा सचिव को सभी शिक्षण संस्थानों में विकलांगजन अधिकार कानून, 2016 का सख्ती से पालन कराने को भी कहा गया है।
राज्य विकलांगता आयुक्त को भेजी शिकायत में प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा था कि आरकेएमवी कॉलेज विकलांगजन अधिकार कानून के अनुरूप दिव्यांग विद्यार्थियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट नहीं दे रहा है। यही नहीं इस बारे में बात करने पर प्रिंसिपल ने दाखिला पोर्टल में सुधार करने का आश्वासन देने से भी इनकार कर दिया था। प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों में भी यही स्थिति है।
शिकायत में यह भी कहा गया था की आरकेएमवी कॉलेज एवं रामपुर, कुल्लू, हमीरपुर आदमी सरकारी महाविद्यालयों में दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। लेकिन उनके लिए लाइब्रेरी में टॉकिंग सॉफ्टवेयर वाले कंप्यूटर से लैस सुगम्य पुस्तकालय नहीं है। इससे उनकी पढ़ाई का अधिकार बाधित हो रहा है।
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने सरकार द्वारा जांच के आदेश देने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ आरकेएमवी कॉलेज बल्कि अन्य कॉलेजों में भी दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई का अधिकार बहाल किया जा सकेगा।