प्रदेश विधानसभा का माॅनसून सत्र पूर्व विधायक खूब राम और प्राकृतिक आपदा में जान गवाने वाले 441 लोगों को दी श्रद्धांजलि, मुख्यमंत्री ने पेश किया शोक प्रस्ताव
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का माॅनसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शोकोदगार से शुरू हुई। आनी से पूर्व विधायक खूब राम के निधन पर सदन में शोक जताया गया। सरकार की तरफ से राज्य में भारी बरसात के कारण मारे गए 441 लोगों के प्रति भी शोक जताया गया और उनके परिवार जनों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने शोक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आनी के पूर्व विधायक दिवंगत खूब राम का निधन 19 जुलाई को 70 साल की उम्र में हुआ है। उनका जन्म 10 जनवरी 1953 को निरमंड के बगी गांव में हुआ था। वह 1982, 1990 व 2012 में विधायक रहे। उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए बेहतर काम किया और एक समाज सुधारक माने जाते थे। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ने अपना जीवन जनता के लिए दिया और हमेशा अपने क्षेत्र के लिए काम करते रहे। सुक्खू ने कहा कि उनके निधन पर गहरा दुख है और वह शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जताते हैं।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में आई आपदा में 441 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कई परिवारों ने अपना घर खो दिया और यह आपदा सदी की सबसे बडी आपदा है। कई परिवार उजड गए हैं जिनको बसाने की चुनौती सरकार के सामने है। उन्होंने आपदा में मृतक लोगों के प्रति गहरी संवेदना जताई और उनके परिवाजनों को इस शोक को सहन करने की शक्ति देने की कामना की।
इस प्रस्ताव पर विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि खूब राम तीन बार विधायक रहे और हमेशा समाज में परिवर्तन लाने के लिए उन्होंने काम किया। उनका समाज में बदलाव के लिए बडा योगदान रहा है। वह हमेशा विकास के लिए चिंतित रहे। उन्होंने भी अपनी संवेदना जताई। साथ ही आपदा में मृतक 441 लोगों के प्रति भी अपनी संवेदना जताई।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल आपदा से गुजर रहा है और हर व्यक्ति इस समय पीड़ा महसूस कर रहा है। अभी भी कई लोग लापता हैं जिनकी तलाश चल रही है। भाजपा विधायक दल पीडितों के प्रति संवेदना जताता है।
विधायक लोकेन्द्र कुमार ने भी शोकोदगार में शामिल होते कहा कि दिवंगत विधायक खूब राम आनी के लोगों के दिलों में बसते हैं। वह पहली बार भाजपा से चुनाव जीते थे और तीन बार उन्होंने आनी का नेतृत्व किया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी इस प्रस्ताव में खुद को शामिल किया।