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1975 में लगे आपातकाल के विरोध में देशभर में भाजपा ने मनाया काला दिवस, शिमला मंडल ने भी निकाला मौन जुलूस, सुक्खू और इंदिरा गांधी की कार्यशैली शैली को बताया एक समान

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भाजपा शिमला मंडल द्वारा मौन जुलूस का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष सुनील धर द्वारा की गई, इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज और प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा विशेष रूप से उपस्थित रहे। मौन जलूस सीटीओ से वाइब्रेशन हॉल गंज बाजार तक चला।

उसके उपरांत जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन वाइब्रेशन हॉल में किए गया जिसमे नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित रहे। जयराम ने कहा की आपातकाल भारत का सबसे कला अध्याय है। उन्होंने कहा की कांग्रेस सरकार के पास विधायकों को सीपीएस बनाकर अतिरिक्त सुविधाएं देने के लिए पैसे हैं। पूरे प्रदेश में नया दौर और व्यवस्था परिवर्तन के होर्डिंग लगाने के पैसे हैं। मगर मात्र 80 लोकतंत्र प्रहरियों को देने के लिए पैसे नहीं हैं। यहां बात पैसे की नहीं बात नीयत की है। इमरजेंसी थोपकर लोकतंत्र का गला घोंटने वाली पार्टी आखिर उन लोगों का सम्मान कैसे कर सकती है जिन्होंने देश को एक परिवार की तानाशाही से मुक्त करवाया था। यह दिखाता है कि न तो कांग्रेस को लोकतंत्र में विश्वास है और न ही उसे लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों की कोई कद्र है। देश में तो फिर से लोकतंत्र बहाल हो गया था मगर कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र हमेशा के लिए खत्म हो गया। आज भी कांग्रेस एक ही परिवार के हित की पार्टी बनकर रह गई है। आज कांग्रेस के नेता संविधान के नाम पर दुष्प्रचार कर रहे हैं इन्हीं की दादी ने संविधान का प्रीएम्बल जिसे संविधान की आत्मा कहा जाता है उसे भी बदल दिया था। हिमाचल में भी यही तानाशाही देखने को मिल रहा है। हम इन्हें निरंकुश होने नहीं देंगे। इनके गलत फैसलों का विरोध करेंगे। हिमाचल और हिमाचलवासियों के हितों के लिए किसी भी हद तक संघर्ष करेंगे। यह प्रेरणा हमें उन लोकतंत्र प्रहरियों से मिली है जिन्होंने उस समय अंजाम की परवाह किए बगैर देश में लोकतंत्र को बहाल करने की लड़ाई लड़ी थी। तानाशाही का यह दौर आने वाली पीढ़ियों को भी याद रहे, इसलिए इसे एक काले दिन के रूप में हम याद करते हैं।

सुरेश भारद्वाज ने कहा की लोकतंत्र प्रहरी सम्मान निधि को बंद करने वाली कांग्रेस पार्टी की प्रवृत्ति ही कुछ ऐसी है कि संविधान की हत्या वह पहले से ही करते आए हैं। जब देश में 1975 में इमरजेंसी लगी थी उसके उपरांत लाखों लोगों को जेल में डाला गया था, जिन व्यक्तियों केनपरिवारजनों को इस योजना का लाभ हो रहा था उसके बावजूद इन्होंने इस योजना को बंद कर दिया उन्होंने कहा जो पार्टी इंदिरा इस इंडिया एंड इंडिया इस इंडिया का नारा दे सकती है वह संविधान क्या बचाएगी। इस योजना के अंतर्गत ऐसे ही परिवारों को 20000 सालाना का लाभ होता था, वह भी इन लोगों से देखा नहीं गया।

भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगी थी जिसको भारतीय जनता पार्टी और पूरा देश काला दिवस के रूप में मनाता है, इस प्रकार हिमाचल में भी हिटलर राज चल रहा है।
मुख्यमंत्री स्वयं एक तानाशाह के रूप में काम कर रहे हैं, जो उनको ठीक लगता है वही उनके लिए नियम है, नियम का उल्लंघन करना एक जगह जहां जनता के लिए गलत है वही मुख्यमंत्री के लिए ठीक है।
नंदा ने कहा कि जिस प्रकार से भाजपा प्रत्याशियों को तंग किया जा रहा है और इससे पहले उनके ऊपर गलत प्रकार से एफआईआर दर्ज की गई, पुलिस कैसे बनाए गए। उनके व्यापार को क्षतिग्रस्त कर दिया गए, व्यापार ठप कर दिए गए, एक दिन में ऐसे चालान किए गए जिससे उनको लगभग 50 लाख का नुकसान हो गया और मुख्यमंत्री हिटलर के रूप में काम करते हुए उनका पूर्ण रूप से परेशान कर रहे हैं। इस बार तो हद ही हो गई भाजपा प्रत्याशियों के परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों को भी हानि पहुंचाई जा रही है, सत्ता के माध्यम से कोई भी ऐसा कदम नहीं छोड़ा जा रहा है जिससे इन नेताओं को बैक फुट पर लेजाया जाए।

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