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भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने शिमला ग्रामीण में निकाली तिरंगा यात्रा,कहा-22 अप्रैल की तारीख कभी नहीं भूल पाएगा भारत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सूझबूझ, रणनीति और संयम को किया सलाम

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भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने शिमला ग्रामीण के शोधी एवं शिमला शहरी के संजौली में आयोजित तिरंगा यात्रा में भाग लिया। उनके साथ प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, सह मीडिया प्रभारी प्यार सिंह कंवर, प्रत्याशी रवि मेहता, संजय सूद, सुरेश भारद्वाज, जिला अध्यक्ष केशव चौहान और समस्त मंडल मध्यक्ष उपस्थित रहे।

श्रीकांत शर्मा ने तिरंगा यात्रा के दौरान कहा कि 22 अप्रैल की तारीख को देश कभी नहीं भूल सकता। यह दिन एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन था, जब पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या की गई। यह कायराना हमला उन आतंकवादियों द्वारा किया गया जो पाकिस्तान से भेजे गए थे, जिन्हें पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षण दिया गया था। इस आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिकों के साथ एक नेपाली नागरिक भी शहीद हुए। घटना के समय माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब के आधिकारिक दौरे पर थे, लेकिन जैसे ही उन्हें इस आतंकी हमले की सूचना मिली, वे तत्काल भारत लौटे और जनता की भावनाओं को समझा। देशभर की जनता ने एक स्वर में मांग की कि अब आतंकवाद पर निर्णायक हमला होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उसी समय बिहार की धरती से जनता को आश्वासन दिया कि “हम इस हमले का बदला लेंगे। हम 26 लोगों की शहादत का प्रतिशोध लेंगे और यह प्रतिशोध आतंकवादियों की कल्पना से परे होगा।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह संकल्प और भारतीय सेना का अदम्य साहस ही वह शक्ति है, जिसने आतंकवादियों को उनके ठिकानों में घुसकर धूल चटाई। 22 अप्रैल से 7 मई तक पूरे देश में तनाव और अपेक्षा का माहौल था। देश चाहता था कि तत्काल निर्णय लिया जाए और कार्रवाई हो। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अत्यंत सूझबूझ, रणनीति और संयम के साथ निर्णय लिया। पाकिस्तान को भली-भांति पता था कि भारत इस बार चुप नहीं बैठेगा। आतंकवाद के खिलाफ एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के उदाहरण पाकिस्तान देख चुका था।

इस अवसर पर बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि इसका एक बड़ा और प्रभावशाली ‘नॉन-मिलिट्री पोर्शन’ भी था। इस रणनीति के अंतर्गत भारत सरकार ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय लिया। पाकिस्तान की 90% जनता और 80% कृषि इस जल पर निर्भर करती है। यदि भारत इस जल प्रवाह को रोक दे तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ टूट जाएगी। पाकिस्तान की जीडीपी गिर जाएगी, कृषि व्यवस्था चरमरा जाएगी, और देश संकट में डूब जाएगा। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो कहा था, “हम घुसकर मारेंगे और मिट्टी में मिला देंगे।” वह आज पूरे देश ने साकार होते देखा है। यह केवल शब्द नहीं थे, यह भारत के संकल्प, सामर्थ्य और गौरव का जीवंत उदाहरण था।

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