भाजपा ने राज्य सरकार के तीन साल के कार्यकाल को दी इन्तज़ारकाल की संज्ञा , प्रदेश के हर वर्ग के लिए बताया निराशाजनक
भाजपा के प्रदेश वरिष्ठ प्रवक्ता एवं विधायक रणधीर शर्मा और त्रिलोक जमवाल ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की तीन साल में अभी तक कोई उपलब्धि ही नहीं है तो जश्न किस बात का, हर वर्ष केवल मात्र वर्तमान सरकार जनता को परेशान करने एवं आर्थिक बोझ डालने का जश्न मनाती है। उन्होंने कहा की 3 साल में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में केवल मात्र भ्रष्टाचार, अंधा कानून, महंगाई, धोखा और गारंटियों पर जनता का गुमराह करने का बोल – बाला रहा। पूरे 3 वर्ष में ठेकेदारों को उनके किए गए कामों का भुगतान न करने का इनाम मिला, पेंशन प्रदेश में टेंशन बनकर रह गई, डीए केवल मात्र कागज़ों में रह गए और नौकरियां तो युवाओ के लिए सपना बनकर रह गई।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 28 लाख बहने आज भी अपने 1500 रु का इंतजार कर रही है, बागबान – किसान अपने अधिकारों का इंतजार कर रहे है और युवा भी अपनी पक्की नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। यह सरकार केवल इंतजार की सरकार बन कर रहे गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्राइम रेट तेज गति से बढ़ा , खन्ना शराब बन भू माफिया के हौसले भी राजनीतिक संरक्षण में बढ़ते दिखाई दिए। यह सरकार केवल मात्र असफलता, निराशा के तीन साल है, वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस सुंदर प्रदेश को अंधेर नगरी बना दिया है।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर जश्न का कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। हमारा मानना है कि इस सरकार को जश्न मनाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। क्योंकि इस सरकार ने तीन साल में जनहित में प्रदेश हित में कोई काम नहीं किया है। कोई ऐसी उपलब्धि सरकार की नहीं है जिसके लिए सरकार जश्न मनाए। यह सरकार तो अपने चुनावी वायदे तो दूर चुनावी गारंटियों तक को पूरा करने में विफल सिद्ध हुई है। इस सरकार ने प्रदेश को आर्थिक दिवालीयपन के कगार पर खड़ा कर दिया है। ₹1 लाख करोड़ कर्जा इस प्रदेश पर चढ़ाकर यह सरकार कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन भी समय पर नहीं दे पा रही है। विकास कार्य है जो विकास का हो भी रहे हैं। आज सड़कों की मरम्मत वो केंद्र से आए पीडीए एनए के फंड से हो रही है। यह सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या सेंट्रल रोड फंड से बन रही है। प्रदेश सरकार का बजट कहीं नजर नहीं आता। यहां तक कि ठेकेदारों को पेमेंट तक सरकार करने में नाकाम सिद्ध हुई है। यही नहीं इस सरकार ने तो हमारी विधायक निधि भी जारी नहीं की। जुलाई, अगस्त, सितंबर महीने की किस्त भी आधी जो है वो अभी जारी नहीं हुई है। अगस्त अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर की किस्त अभी तक जारी नहीं हुई।
ऐच्छिक निधि में कटौती इस सरकार ने कर दी है। आपदा प्रभावितों को राहत देने में यह सरकार विफल रही है। जो आज सड़के क्षतिग्रस्त है, उनका पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा, उनकी मरम्मत नहीं हो पा रही। पीडीएनए का पैसा आया है तो थोड़ी मरम्मत उसकी हो रही है। जलशक्ति विभाग में पीने के पानी की स्कीमों के लिए केंद्र सरकार से जो पंचायतों में पैसा आया था उस पैसे को डायवर्ट किया जा रहा है जलशक्ति विभाग में ताकि स्कीमों की रिपेयर हो सके। ऐसी सरकार जिसने हिमाचल प्रदेश को तीन साल में जो है पीछे धकेलने का काम किया। 2000 से ज्यादा संस्थान बंद कर दिए। कोई नया काम किया नहीं। प्रदेश हित जनहित में काम करने में सरकार ने हमेशा नाकामी पाई है। और यहां तक कि ये सरकार जो है हिमाचल प्रदेश की जनता पर अलग-अलग टैक्स लगाकर अलग-अलग कर लगाकर आर्थिक बोझ डाल रही है। इसलिए इस सरकार को जश्न मनाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
