पूर्व मंत्री रामलाल मारकण्डा और पूर्व प्रत्याशी राकेश चौधरी पर चला भाजपा के अनुशासन का डंडा, पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए किया बाहर
लोकसभा और छ विधानसभा उपचुनाव को लेकर इन दिनों राजनीतिक पार्टियों में जीत को लेकर खूब घमासान चल रहा है सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवार अपनी अपनी जीत के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं । वहीं कांग्रेस और भाजपा के लिए बागी उम्मीदवार उनकी जीत में रोड़ा बन रहे हैं खास तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से 6 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों को अपना प्रत्याशी बनाया है उससे भाजपा के अपने पूर्व के प्रत्याशी और कार्यकर्ता पार्टी से खासा नाराज है और अब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी रण में भी उतर गए हैं । इनमें लाहौल स्पीति से पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा और धर्मशाला से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी राकेश चौधरी मुख्य रूप से शामिल हैं । इन दोनों ने निर्दलीय उम्मीद्वार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है । पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने इन दोनों नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है । रामलाल मारकंडा और राकेश चौधरी के इन बगावती तेवरों से भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के सामने मुश्किलें बढ़ सकती हैं । हालांकि अब पार्टी ने इन्हें निष्कासित कर दिया है लेकिन इन दोनों नेताओं के बगावती तेवरों से भाजपा को नुकसान होना स्वाभाविक है । दूसरी तरफ कांग्रेस में भी विक्रमादित्य सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के दो गुटों में आपसी खींचतान भले ही हो लेकिन उससे कांग्रेस को बहुत अधिक नुकसान होता दिख नहीं रहा ।