विधानसभा में गूंजा क्रिप्टो करंसी के नाम पर धोखाधडी का मामला, प्रदेष सरकार ने की एसआईटी गठित कर जांच करने की घोषणा
हिमाचल प्रदेश की सुखविन्द्र सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य में क्रिप्टो करंसी धोखाधडी के बढते मामलों की जांच के लिए डीआईजी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर जांच की घोषणा की है। यह घोषणा उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक होशियार सिंह के एक सवाल के जवाब में की। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस एसआईटी का नेतृत्व डीआईडी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर करेंगे। उन्होंने कहा कि एसआईटी में अन्य विशेषज्ञाों को भी शामिल किया जाएगा ताकि ऐसी सभी शिकायतों पर प्रभावी तरीके से जांच की जा सके।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक व राष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो करंसी के मामलों में धोखाधडी लगातार बढ रही है। उन्होंने कहा कि जल्दी पैसा कमाने की चाहत में लोग धोखेबाजों के ऐसे प्रलोभन का शिकार हो रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि पिछले दो साल में प्रदेश के साइबर पुलिस थानों में इस संबंध में 56 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जबकि 6 एफआईआर भी दर्ज की गई है। इनमें पांच लोगों को गिरफतार किया गया है जिनमें तीन हिमाचल के और दो पंजाब से हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करंसी अपराधों की जांच के लिए शिमला, मंडी व कांगडा में तीन साइबर पुलिस थाने स्थापित किए गए हैं।
इसी मुददे पर होशियार सिंह ने कहा कि क्रिप्टो करंसी की समस्या एक बहुत बडा घोटाला है जिसमें कांगडा और हमीरपुर जिलों में लगभग 200 करोड रूपए की धोखाधडी हुई है। इस धोखाधडी में 425 लोग शामिल हैं। अकेले देहरा विधानसभा में क्रिप्टो करंसी के नाम पर 10 करोड रूपए लोगों से ठगे गए हैं। गरीब लोगों को 8 से 9 महीने में पैसा दोगुणा करने का लालच दिया जा रहा है और कांगडा, उना व हमीरपुर जिलों में बडी संख्या मंे लोग इसके शिकार हुए हैं।
विधायक केवल सिंह पठानिया के एक सवाल के जवाब मंे मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के शासनकाल के आखिरी साल में शराब की दुकानांे की नीलामी से 1296.93 करोड रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था जबकि वर्तमान सरकार में पहले साल में ही 1825 करोड रूपए का राजस्व शराब की दुकानों से एकत्र करने का लक्ष्य रखा है। यह बढोतरी 40 फीसदी है। उन्होंने कहा कि अभी तक 1301 करोड रूपए का राजस्व 25 सितंबर तक एकत्र कर लिया गया है। इसमें 24 फीसदी की अभी तक बढोतरी दर्ज की गई है। उन्हांेने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के पांच साल के शासनकाल में शराब की दुकानों से राजस्व में सिर्फ 11 फीसदी की बढोतरी हुई थी। इससे पूर्व केवल सिंह पठानिया ने एक प्रतिपूरक सवाल के माध्यम से आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार के शासनकाल के दौरान शराब की दुकानों की कोई नीलामी नहीं हुई थी जिस कारण राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
विधायक राजेश धर्माणी और के एल ठाकुर के एक संयुक्त सवाल के जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में नशीली दवाओं का बढता खतरा गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य की 360 किलोमीटर लंबी व खुली सीमा पर ड्रोन के इस्तेमाल से समस्या और भी गंभीर हो गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह समस्या राज्य के जनजातीय क्षेत्रों सहित प्रदेश के हर कोने में पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए हम सभी को नशीली दवाओं के खतरे से लडने के लिए राजनीतिक विचारधारा से उपर उठकर काम करना होगा। उन्हांेंने कहा कि सरकार उन तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है जो अफगानिस्तान व पाकिस्तान तक से हिमाचल में ड्रग लाने के लिए 360 किलोमीटर लंबी व खुली सीमाओं का उपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ड्रग तस्करी के मुख्य सरगना और तस्करों की पहचान करने के लिए वित्तीय जांच करवा रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि अभी तक ड्रग तस्करों की 14.33 करोड रूपए की संपत्ति जब्त की गई है तथा नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल 2136 पुरूष व 79 महिलाओं को गिरफतार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 4445 लोगों को गिरफतार किया गया। इनमें अधिकांश लोग पीडित और नशेडी हैं न कि मुख्य तस्कर। उन्होंने कहा कि इस साल अभी तक 11.50 किलो ग्राम चिटटा बरामद किया गया है जबकि पिछले साल राज्य में 7.18 किलोग्राम चिटटा पकडा गया था। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 5 ग्राम से कम चिटटे के साथ पकडे जाने वाले लोगों के अपराध को भी एनडीपीएस एक्ट के तहत गैर जमानती बनाने की केन्द्र सरकार से सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य के सभी 12 जिलांे में नशे के आदी हो चुके लोगों के लिए पुर्नवास केन्द्र भी खोले हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने नशीली दवाओं के खतरे को कम करने के लिए प्रभाव वाइप आउट ड्रग्स नामक एक विशेष अभियान जारी किया है। इससे पूर्व विधायक राजेश धर्माणी और के एल ठाकुर ने प्रतिपूरक सवालों के माध्यम से कहा कि प्रदेश में बडी संख्या में खासकर चिटटे के मामले में हो रही गिरफतारी के चलते जेलें भर चुकी है। इनमें से अधिकांश गिरफतार पीडित व नशेडी हैं। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान मंे युवाओं को शामिल करने व परामर्श देने की जरूरत है।
विधायक संजय रत्न के एक सवाल के जवाब मंे मुकेश ने कहा कि बिजली बोर्ड में बैचवाइज आधार पर जूनियर इंजीनियरों की भर्ती के मामले पर कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में जूनियर इंजीनियर के 2234 पद स्वीक्रत थे जिनमें से 661 पद खाली हैं।
विधायक भुवनेश्वर गौड के एक सवाल के जवाब मंे अग्निहोत्री ने कहा कि गत तीन वर्षों में लाडा के तहत मनाली में एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला मंे 40 पव बिजली परियोजनाएं चल रही हैं और इनमंे लाडा के तहत अभी तक 178 करोड रूपए जमा हो चुके हैं।
विधायक बलबीर वर्मा के एक सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री अनिरूदृध सिंह ने कहा कि विकास खंड चौपाल, कुपवी व ठियोग में इस साल पहली जनवरी से अब तक व्यक्तिगत और सार्वजनिक कार्यों के लिए मनरेगा के तहत 31.90 करोड रूपए खर्च किए जा चुके हैं। आपदा में जिन लोगों के घरों के डंगे गिरे हैं उन्हें लगाने के लिए आवेदन करने पर एक दिन में ही ऐसे मामलों को मंजूरी दी जा रही है।
विधायक सुखराम चौधरी के एक सवाल के जवाब मंे अनिरूदृध सिंह ने कहा कि अभी भी 429 पंचायतों के पास अपने पंचायत घर नहीं हैं। उन्हांेंने कहा कि इनमें से 324 को भवन बनाने के लिए धनराशि जारी कर दी गई है जबकि 105 पंचायतों को जमीन के दस्तावेज मिलते ही यह धनराशि दे दी जाए।