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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने विधानसभा में दिया आश्वासन – जहां जरूरत होगी फिर से खुलेंगे बन्द किए गए संस्थान

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हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार द्वारा बंद किए गए संस्थान फिर से सशर्त खुलेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को बजट सत्र के दूसरे दिन प्रदेश विधानसभा में नियम 67 के तहत विपक्ष द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा संस्थानों को बंद करने के मुद्दे पर लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि जहां जरूरत होगी, वहां बंद किए गए संस्थानों को फिर से नोटिफाई करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां-जहां जरूरी था, वहां-वहां कुछ संस्थान फिर से खोल भी दिए हैं। विपक्ष द्वारा लाए गए काम रोको प्रस्ताव को बाद में सदन ने विपक्ष की गैरमौजूदगी में ध्वनिमत से रद्द कर दिया।
काम रोको प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल 2022 के बाद खोले गए सभी संस्थानों को डिनोटिफाई करने का नीतिगत फैसला लिया है। इसी के तहत इन संस्थानों को बंद किया गया है और अब जरूरत के हिसाब से इन्हें खोलने का फैसला भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना बजट और बिना स्टाफ के सैंकड़ों संस्थान खोल दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 12 हजार पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद पूर्व सरकार ने महज राजनीतिक लाभ लेने के लिए सैंकड़ों की संख्या में शिक्षण संस्थान खोले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पहले लेक्चररों के खाली पद भरेगी और उसके बाद नए संस्थान खोलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 4145 स्कूल महज एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं, जबकि 455 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा चुनावी वर्ष में खोले गए 23 कालेजों के लिए एक-एक लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। इसी तरह पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए 140 स्वास्थ्य संस्थानों में से केवल 9 संस्थानों के लिए वित्त विभाग की मंजूरी की गई। इसी तरह राजस्व सहित अन्य विभागों में भी बिना बजट प्रावधान के सैकड़ों संस्थान खोले गए।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नियम 67 पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान विपक्ष द्वारा किए गए हंगामे को भाजपा की बौखलाहट करार दिया। संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष के इस व्यवहार की निंदा की और कहा कि पूरा विपक्ष मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान सदन में मौजूद रहा। ऐसे में मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन से बाहर जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह में 80 फीसदी से अधिक संस्थान खोले। चौहान ने कहा कि भाजपा को प्रदेश की जनता ने ठुकराया है और वह इसे सहन नहीं कर पा रही है। उन्होंने आज के विपक्ष के प्रदर्शन को तथ्यहीन करार दिया और कहा कि विपक्ष चर्चा के लिए तैयार ही नहीं था। संसदीय कार्य मंत्री ने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरा सहयोग कर रहा है, लेकिन विपक्ष इस मामले में सहयोग नहीं दे रहा है।

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