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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा- बचे दो वर्ष में बदलेंगे हिमाचल की तकदीर और तस्वीर,लेकिन मंडी में आयोजित सरकार के तीन साला समारोह में सरकार की कमजोरी की दिखी झलक

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज मण्डी के पड्डल मैदान में आयोजित जन संकल्प रैली के दौरान पिछले तीन वर्षों के घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक, राजनीतिक और प्राकृतिक चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार नेे पांच वर्षांे के वित्तीय कुप्रबन्धन से प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ा। वर्तमान प्रदेश सरकार को इस कर्ज को चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। यही नहीं, कर्मचारियों के एरियर की अदायगी का 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारी का बोझ भी वर्तमान सरकार पर छोड़ गई।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने कस्टमाईजड पैकेज के नाम पर बिना रजिस्ट्री के 4500 बीघा भूमि सिर्फ एक करोड़ 12 लाख रुपये में बेच दी। हमारी सरकार प्रदेश की संपदा और हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। हिमाचल के हितों को लुटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए बड़े निर्णय लिए गए हैं, साथ ही केन्द्र और पड़ोसी राज्यों से अपने हक लेने के लिए मजबूती से अपना पक्ष रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइल्ड फ्लावर हॉल, शिमला मामले में कानूनी लड़ाई जीती है, जिससे प्रदेश को हर वर्ष 20 करोड़ रुपये की आय होगी। प्रदेश सरकार के प्रयासों से कड़छम-वांगतु परियोजना में रॉयल्टी 12 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हुई है, जिससे प्रदेश को हर वर्ष 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में शराब की दुकानों को रिन्यू करने से मात्र 450 करोड़ रुपये की आय हुई जबकि वर्तमान सरकार ने एक वर्ष में ही आबकारी से 450 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि भाजपा दुष्प्रचार और व्यक्तिगत आक्षेप की राजनीति कर रही है। यहां तक कि मैंने जब अपनी ऑल्टो गाड़ी का प्रयोग किया, उस पर भी ओछी टिप्पणियां की गई। लेकिन प्रदेश सरकार अपनी उपलब्धियों के दम पर वर्ष 2027 में 52 सीटर वॉल्वो में पुनः सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि राजनीति के सच्चे सेवक किसी से नहीं घबराते, वर्ष 2027 में हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा।
श्री सुक्खू ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के लिए जनहित सर्वोपरि है। हमने सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना लागू की। कानून बनाकर अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया। यह सरकार की गारंटी नहीं थी, बल्कि संवेदनशील सोच का परिणाम है। उन्होंने प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रभावितों की मदद के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों को भी इंगित किया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ओपीएस देने का निर्णय राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं लिया गया बल्कि कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए लिया गया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के जन सरोकार व देश सेवा के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दो प्रधानमंत्री देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान किये हैं। राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर योगदान दिया है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से आत्मनिर्भर हिमाचल के निर्माण के लिए सहयोग देने का आग्रह करते हुए कहा कि हम दो वर्ष में हिमाचल की तकदीर और तस्वीर बदलेंगे। निर्णायक युद्ध में जीत जनता की होगी और कांग्रेस पुनः सत्तासीन होगी।
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भले ही कांग्रेस सरकार ने खुद को 36 आंकने का पूरा प्रयास किया हो और तीन साल के अपने सफर को बेहतरीन बताने की लाख कोशिश की हो लेकिन जलसे में मौजूद लोगों खासकर महिलाओं में गारंटियों के पूरा न होने का दर्द साफ नजर आया । उस पर कार्यकर्ताओं के दर्द को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जिस तरह से मंच से उजागर किया और अफसरशाही पर सरकार की कमजोर पकड़ की पोल खोली उससे मुख्यमंत्री तो कतई खुश नहीं होंगे ।

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