मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के पीटर हॉफ में आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह में 222 विद्यार्थियों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला के पीटर हॉफ में आयोजित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के ‘मेधावी छात्र सम्मान समारोह-2024’ में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के दसवीं और बारहवीं के 222 टॉपर विद्यार्थियों को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इनमें दसवीं कक्षा के 92 तथा बारहवीं के 90 टॉपर शामिल हैं, जबकि शिमला शहर के विभिन्न स्कूलों के 40 टॉपर विद्यार्थी भी समारोह में सम्मानित किये गये। उन्होंने अपनी ऐच्छिक निधि से सभी मेधावी विद्यार्थियों को 25-25 हजार रुपए देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभावान विद्यार्थियों को बधाई देते हुए समाचार पत्र के इस प्रयास की सराहना की। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत के बल पर अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी हिमाचल प्रदेश का भविष्य है और उन्हें राजनीति में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह गैर राजनीतिक परिवार से आते हैं, लेकिन मन में हमेशा सिर्फ जन सेवा करने की इच्छा थी। कड़ी मेहनत और चुनौतियों का सामना कर आज वह मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचे हैं और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्नीस महीने पहले जब कांग्रेस सरकार बनी तो उस समय प्रदेश की अर्थव्यवस्था बहुत खराब थी। वर्तमान सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था मेें सुधार लाने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनने की दिशा में प्रयासरत है। वर्तमान राज्य सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में से चार महीने चुनावी आदर्श आचार संहिता में बीते और चार महीने आपदा में लोगों की सहायता में बीत गए। इसके बावजूद एक साल में नीतियों में बदलाव लाकर 2200 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व राज्य सरकार ने अर्जित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए राज्य सरकार ने संपन्न लोगों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दिया है, ताकि पात्र लोगों को बेहतर ढंग से लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार फिर से बसाने का कार्य कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार ने गुणात्मक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है और कम बच्चों वाले सरकारी स्कूलों को बंद करने का कड़ा फैसला लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार महज राजनीतिक लाभ के लिए काम नहीं करती, बल्कि शिक्षा में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। आर्थिक तंगी के बावजूद शिक्षा में सुधार लाने के लिए शिक्षकों के खाली पदों को भरने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में और सुधार लाएगी, ताकि गुणात्मक शिक्षा में सुधार आए क्योंकि शिक्षा ही विद्यार्थियों में आत्मविश्वास लाती है। उन्होंने कहा कि गरीब और गांव के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने की सोच के साथ राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा में सुधार वर्तमान राज्य सरकार की प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर सात प्रतिशत से 83 प्रतिशत पहुंच गई है। प्रदेश के अस्तित्व में आने के समय लगभग 300 शिक्षण संस्थान थे, जो आज बढ़कर 16 हजार से ज्यादा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग में 7000 खाली पदों को भरा जा रहा है तथा सरकारी शिक्षण संस्थानों में आधारभूत ढांचा मजबूत किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके, इसके लिए शिक्षा में क्लस्टर सिस्टम भी लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में भी बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अध्यापकों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भ्रमण कराया है, ताकि वहां की अच्छी शिक्षा प्रणाली को समझकर हिमाचल प्रदेश में इसे लागू किया जा सके।
इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, महापौर सुरेंद्र चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।