आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जन आवाज़ पर तैयार होगा कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र, पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली होगा घोषणा पत्र का मुख्य मुद्दा
प्रदेश की कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में विकास, रोजगार और भ्रष्टाचार के मुद्दे को छोड़ पुरानी पेंशन प्रणाली के मुद्दे पर चुनाव मैदान में उतरेगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और घोषणापत्र कमेटी अध्यक्ष धनीराम शांडिल ने शिमला में आज एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन प्रणाली एक मुख्य मुद्दा होगा और इसके साथ साथ महिलाओं, युवाओं,किसानों, बागवानों सहित समाज के विभिन्न वर्गों और आम जनता के साथ चर्चा कर घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा । इसमें बागवानी और किसानों की समस्याओं को भी शामिल किया जाएगा प्रतिभा सिंह ने कहा कि घोषणापत्र तैयार करने की प्रक्रिया कांग्रेस पार्टी ने जारी कर दी है और अब एक के बाद एक विभिन्न वर्गों के साथ बैठकर कर लोगों के मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा । वहीं घोषणा पत्र कमेटी के अध्यक्ष धनीराम शांडिल ने कहा कि बंद कमरे में बैठकर नहीं बल्कि हिमाचल की जनता की आवाज पर कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा जिसमें कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अन्य पदाधिकारी और विधायकों सहित सभी पार्टी नेताओं से बात कर घोषणापत्र को तैयार किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 2003 में कांग्रेस की तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने केंद्र के दबाव में आकर पुरानी पेंशन को बंद कर नई पैंशन प्रणाली लागू की थी लेकिन अब अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो पुरानी पेंशन एक बार फिर बहाल कर दी जाएगी । लेकिन मजेदार बात ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के दबाव में यदि तत्कालीन कांग्रेस सरकार काम कर रही थी तो क्या भविष्य में यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दबाव झेल पाएगी । हिमाचल प्रदेश जैसे कर्मचारी बहुल राज्य में पुरानी पेंशन के मुद्दे को उठाकर उसे अपने घोषणापत्र में लागू करने की बात कहकर कांग्रेस पार्टी प्रदेश की वर्तमान सरकार पर कूटनीतिक दबाव बनाने का प्रयास कर रही है अब देखना यह होगा कि वह अपनी इस कोशिश में कितना सफल हो पाती है और वर्तमान भाजपा सरकार इस का क्या तोड़ निकालती है ।