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कांग्रेस ने लोकसेवा आयोग के चैयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों पर उठाए सवाल, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का बताया उल्लंघन

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हिमाचल कांग्रेस कमेटी के विधि विभाग के चेयरमैन एडवोकेट आईएन मैहता ने लोकसेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्यों को लेकर जयराम सरकार को घेरा है। शिमला में एक प्रैस कांफ्रैंस में आईएन मैहता ने कहा कि सरकार ने लोक सेवा आयोग के चैयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस का सीधा उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को स्टेट आफ पंजाब वर्सिज सलील सब्लोक केस में लोक सेवा आयोग में नियुक्तियों से संबंधित गाइड लाइंस जारी की थी। इसमें साफ किया गया था कि संविधान के आर्टिकल 316 के तहत किस तरह से चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियां होनी चाहिए। लेकिन जयराम सरकार इन गाइड लाइंस को दरनिकार किया। सरकार ने लोक सेवा आयोग चैयरमैन और तीन सदस्यों की रात के अंधेरे में नियुक्तियों से संबंधित पहले एक अधिसूचना कर डाली। जिसका शपथ कार्यक्रम भी सुबह के लिए तय किया गया। इसके बाद आधी रात को शपथ ग्रहण कार्यक्रम रद्द किया गया। सरकार को बाद में ये नियुक्तिया रद्द करनी पड़ी। इसके बाद सरकार ने चैयरमैन और सदस्यों की नियुक्तयों को लेकर नई अधिसूचना जारी की। मैहता ने सरकार से सवाल किया कि चैयरमैन और सदस्यों की नियुक्तयों के लिए कितने आवेदन आए थे और इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि लोकसेवा आयोग में नियुक्तियां आनन-फानन में करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि लोकसेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है जो कि
एचएसएस, एसपीएस, डाक्टर्स, इंजीनियर्स जैसे क्लास वन अधिकारियों की नियुक्तियां करता है। ऐसे संस्थान के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्तियां आनन फानन में करना प्रदेश के पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। जिसका सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

जयराम सरकार की अफसरों पर नहीं कोई पकड़
आईएन मैहता ने कहा कि जयराम सरकार की अधिकारियों पर कोई पक़ड नहीं है। इसलिए सरकार आए दिन अधिकारियों को बदल रही है। हालात यह है कि सरकार ने मुख्य सचिव स्तर के तीन अफसरों को बिना कामकाज के सलाहाकार लगा रखा है। जूनियर अफसर को मुख्य सचिव लगाने का विरोध सीनियर आईएएस अधिकारी खुलकर कर चुके हैं। एक सीनियर अधिकारी ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
हिमाचल के महकमे संभाल रहे अफसरों को दिल्ली में बंगले
मैहता ने कहा है कि जयराम सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर अधिकारियों की मौज करवा रही है। सरकार द्वारा दिल्ली में सीनियर आईएएस अधिकारियों को बंगले और अन्य सुविधाएं दी गई हैं जबकि उनको हिमाचल में महकमे में दिए गए हैं। जनता का पैसा इन अधिकारियों पर जाया किया जा रहा है।

आईएन मैहता ने जयराम सरकार पर घोटालों में संलिप्त होने के आरोप लगाए।
-पुलिस कांस्टेबल का पेपर लीक कर इसे 6 से 7 लाख रूपए में बेच दिया गया। इसमें सरकार और पुलिस विभाग के लोग शामिल हैं। सरकार बडे मगरमच्छों और अधिकारियों को बचा रही है।
-एचपीयू मे शिक्षकों के 200 पदों पर यूजीसी नियमों को दरनिकार कर भाजपा और संघ के लोगों को तैनाती दी गई। मैरिट में आए युवाओं को बाहर किया गया।
-सड़कों और अन्य कार्यो में घटिया सामग्री इस्तेमाल का इस्तेमाल किया जा रहा है। शिमला सोलन सड़क टारिंग के बाद ही उखड़ गई।
–भाजपा सरकार के समय में कई बड़े घोटाले हुए। भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष को कोरोना काल में पीपीपी किट घोटाले के चलते अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस मामले में जो चार्जशीट बनाई, उसमें असली आरोपियों बाहर रखा गया।
-फर्जी डिग्री मामले में भाजपा सरकार के समय में ही सामने आया। इसकी जांच में लीपापोती की गई। इसमें केवल एक मात्र विश्वविद्यालय पर ही 22 एफआईआर दर्ज की गई। जबकि बाकी विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियों के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।

हेलीकाप्टर में उड़ रहे सीएम नहीं देख रहे सड़कों में गड्ढे
आईएऩ मैहता ने कहा कि हिमाचल में सड़कों की हालात बदतर है। मुख्यमंत्री खुद पूरे प्रदेश में हैलीकाप्टर में उड़ते रह रहे हैं, ऐसे में उनको सड़कों पर पड़े गड्ढे दिखाई नहीं दे रहे। मुख्यमंत्री बुधवार को चौपाल निवार्चन क्षेत्र के नेरवा में हेलीकाप्टर से ही गए। प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह वहां पर भी बिना बजट के प्रावधान किए कौरी घोषणएं कीं। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के पर सरकारी खजाने से 50 लाख रूपए बहाए गए। पूरे प्रदेश में इस तरह के महोत्सव मनाकर सरकारी खजाने को लूटा ज रहा है। इसका जबाव जनता आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार को देगी।

इस मौके पर हिमाचल कांग्रेस कमेटी के महासचिव यशपाल तनाइक, कांग्रेस विधि विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष प्रणय प्रताप सिंह, सचिव विनय मेहता, सचिव चंद्रशेखर, दीपक शर्मा सुंफा आदि भी मौजूद रहे।

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