आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तावापसी की राह तलाश रही कांग्रेस ने 10 दिन के भीतर पुरानी पेंशन बहाली का किया वादा , तत्कालीन वाजपेयी सरकार पर एन पी एस लागू करवाने के लिए राज्यों पर दबाव डालने का लगाया आरोप
 
        हिमाचल में कांग्रेस सरकार बनने पर कर्मचारियों की ओल्ड पैंशन ( ओल्ड पैंशन स्कीम-ओपीएस) बहाल की जाएगी। कांग्रेस ने इसकी कर्मचारियों को गारंटी दी है। हिमाचल कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित विभाग के चैयरमैन अमित नंदा ने शिमला में एक प्रैस कांफ्रैंस में कहा कि कि कांग्रेस सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर ही ओपीएस लागू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपनी सरकारें बनने पर राजस्थान और छतीसगढ़ में पुरानी पैंशन बहाली का अपना वादा पूरा किया है, जहां कर्मचारियों को ओल्ड पैंशन का लाभ मिलने लगा है। अब हिमाचल की बारी है।अमित नंदा ने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पैंशन 2003 में केंद्र में रही तत्कालीन वाजपेयी सरकार के आदेशों के बाद बंद करनी पड़ी थी। केंद्र सरकार ने नई पैंशन स्कीम लागू करने के लिए राज्यों पर दवाब डाला। राज्यों से कहा गया कि अगर नई पैंशन स्कीम लागू न की गई तो उनकी वित्तीय सहायता बंद कर दी जाएगी। इसके चलते हिमाचल को भी इसको लागू करना पडा। यही नहीं पहले कर्मचारियों के लिए एनपीएस फायदेमंद बताई गई, लेकिन जब कर्मचारी रिटायर होने लगे तो इसकी सच्चाई का पता चला। ऐसे में कांग्रेस ने कर्मचारियों के लिए ओपीएस का वादा किया है।
• हिमाचल में एनपीएस के 1,15437 कर्मचारी कार्यरत, 17559 एनपीएस कर्मचारी रिटायर हो गए।
• हिमाचल का केंद्र सरकार के पास एनपीएस का 6668 करोड़ जमा ।
कांग्रेस कमेटी के महासचिव यशपाल तनाइक ने इस मौके पर कहा कि हिमाचल में कर्मचारी ओल्ड पैंशन की मांग को लेकर आंदोलनरत है। मगर जयराम सरकार इसको लेकर अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं।
• एनपीएस कर्मियों ने 23 फरवरी को मंडी से ओपीसी बहाली की मांग को लेकर पदयात्रा शुरू की।
• 3 मार्च को विधानसभा का घेराव किया।
• 13 अगस्त से शिमला में एनपीएस कर्मचारी कर रहे क्रमिक अनशन।
• 1 सितंबर से चारों लोकसभा क्षेत्रों में कर्मचारी कर रहे भूख हड़ताल।
यशपाल तनाइक ने कहा है कि जयराम सरकार जायज मांग कर रहे कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रही है। इन कर्मचारियों पर केस बनाए गए जबकि कई ट्रांसफर भी कर दिए गए।
हिमाचल कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित विभाग के उपाध्यक्ष सेनराम नेगी ने कहा है कि कांग्रेस मानती है कि कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए ओपीएस जरूरी है क्योंकि एनपीएस के कई नुकसान है-
• एनपीएस कर्मियों के वेतन से हर माह की जा रही 10 फीसदी की कटौती।
• पैंशन के नाम पर कई कर्मचारियों को मिल रहे मात्र 1200 रूपए से 1500 रूपए।
• ओपीएस में इन्हीं कर्मचारियों को मिलती न्यूनतम 12000 रुपए की पैंशन।
• एनपीएस कर्मियों के स्टॉक मार्केट में लगाए गए पैसों के डूबने का है खतरा।
कांग्रेस सरकार बनने पर ओल्ड पैंशन लागू करने से कर्मचारियों को होंगे कई फायदें–
• ओपीएस में पैंशन का पूरा खर्च सरकार खुद वहन करेगी।
• कर्मचारियों की पैंशन समय-समय पर मिलने वाले मंहगाई भत्ते के साथ बढ़ेगी।
• ओपीएस में कर्मचारियों की मृत्यु की स्थिति में परिवार को पैंशन के साथ नौकरी का भी प्रावधान

 
                        
 
                 
                 
                 
                 
                 
                