कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व विधायक अनिरुद्ध सिंह ने स्मार्ट सिटी के तहत किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर उठाए सवाल, कहा- स्मार्ट सिटी के नाम पर शिमला शहर की जनता से किया धोखा
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व व कुसुंपटी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक अनिरुद्ध सिंह ने शिमला शहर में स्मार्ट सिटी के तहत किए गए कार्यों पर सवालिया निशान उठाए हैं । उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में गुणवत्ता को दरकिनार कर लीपापोती का काम किया गया है और गुणवत्ता का कतई ध्यान नहीं रखा गया । उन्होंने कहा कि कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में तो स्मार्ट सिटी के तहत कोई काम तक नहीं किया गया । शिमला शहर में भी स्मार्ट सिटी के तहत केवल सड़क का चौड़ीकरण किया गयाऔर एक भी डंगा सीधा नहीं लगा है ।
ऐतिहासिक रिज मैदान धंसने की कगार पर है और प्रदेश की भाजपा सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें कर रही है । उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार के कार्यकाल में 764 करोड रुपए की लागत से प्रस्तावित पेयजल योजना से शिमला की जनता को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना थी जिस पर भाजपा सरकार कोई काम नहीं कर पाई है और शहर की जनता पानी के लिए परेशान है । अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि शिमला शहर में पार्किंग स्थलों के निर्माण पर पर भी बीते 5 सालों में कोई काम नहीं हुआ है उन्होंने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 64 राष्ट्रीय उच्च मार्ग बनाने के बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन डीपीआर तैयार करना तो दूर इनके सर्वेक्षण तक नहीं हुए हैं । जबकि फोरलेन की जद में आने वाले लोगों को बेघर कर दिया गया और उनका व्यवसाय तक चौपट हो गया लेकिन सरकार इन प्रभावितों की ओर ध्यान नहीं दे रही । अनिरुद्ध सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भी हमला बोला उन्होंने कहा कि वे अपने फैसले बदलने का रिकॉर्ड बना चुके हैं और अब तक कम से कम 200 अधिसूचनाएं बदली गई है उन्होंने कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी के भी सरकार पर आरोप लगाए और कहा कि यहां पर जितने भी कार्य हुए हैं केवल विधायक प्राथमिकता से किए गए हैं सरकार ने उल्टा उनके कार्यों को रोकने का काम किया है । कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए विधायक लखविंदर राणा की ओर से कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह के हस्तक्षेप संबंधी बयान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अनिरुद्ध सिंह ने साफ किया है कि यह सभी आरोप सरासर गलत है और लखविंदर राणा काफी लंबे समय से भाजपा में शामिल होना चाहते थे और कांग्रेस छोड़ने का केवल बहाना ढूंढ रहे थे । अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार में मंत्री बनाने का अधिकार केवल शीर्ष नेतृत्व को हो होता है ना कि किसी विधायक को। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर के बयान और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के कमेटी से दिए इस्तीफे के चलते पार्टी को होने वाले नुकसान पर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में अनिरुद्ध सिंह ने स्वीकार किया कि ऐसे मामलों से पार्टी को फर्क तो पड़ता है । अब जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व विधायक भी मान चुके हैं कि ऐसे बयानों से पार्टी को फर्क पड़ता है तो अब यह देखना होगा कि इन बयानों से और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के रवैये से कांग्रेस पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में कितना और किस तरह का फर्क पड़ता है ।