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कांग्रेस के प्रदेश महा सचिव व विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा – राजनीतिक हित साधने की मंशा से की पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती, केंद्र ने गुजरात और हिमाचल के चुनाव देखकर लिया फैसला

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प्रदेश कांग्रेस महासचिव व शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार कोई भी निर्णय अपना राजनैतिक हित को सामने रख कर लेती है।उन्होंने कहा की गुजरात और हिमाचल में होने जा रहें विधानसभा चुनावों को आते देख अब केंद्र की मोदी सरकार को पेट्रोल व डीज़ल के बढ़ते मूल्य के साथ साथ महंगाई नजर आने लगी है।इसी के चलते पेट्रोल व डीजल पर से केंद्रीय एक्साईज को कम किया गया है,जबकि लोग पिछले कई महीनों से इसके बढ़ते मूल्यों से परेशान हो रहें थे।
विक्रमादित्य सिंह ने केंद्र सरकार के पेट्रोल व डीजल पर से केंद्रीय एक्साईज कम करने के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देर आये दरुस्त आये।उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से लोग पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से परेशान हो गए थे।उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार उप चुनावों के तत्काल बाद प्रदेश में भाजपा की करारी हार के बाद केंद्र सरकार ने इसके मूल्यों में कुछ कटौती कर लोगों को थोड़ी राहत देने का प्रयास किया था।उन्होंने कहा कि चार राज्यों के चुनावों तक इसके दामों में कुछ स्थिरता रही पर चुनावों के तुरंत बाद ही सरकार ने इसके मूल्यों में भारी बढ़ोतरी कर लोगों को अपनी जीत का इसके मूल्यों में बढ़ोतरी का तोफा दिया था।उन्होंने कहा कि एलपीजी सिलेंडर आज एक हजार से ऊपर चला गया है इसके मूल्यों में कोई कटौती नही की गई है।देश मे प्रधानमंत्री की उज्जवला योजना दम तोड़ रही है,अब सरकार ने इन्हें भी 200 रुपए की सब्सिडी का ऐलान कर ऊंट के मुंह मे जीरा देने का प्रयास किया है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिये ठोस उपायों की बहुत जरूरत है।चुनावों के समय इस प्रकार की राहतें चुनावों में लाभ लेने के लिये और ज्वलंत मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की एक राजनीतिक मंशा के अतिरिक्त कुछ नही है।उन्होंने आशंका ब्यक्त की है कि सरकार इस घाटे की भरपाई किसी अन्य टेक्स से इसकी भरपाई कर सकती है जो लोगों के साथ धोखा होगा।

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