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मानवीय भूल का भय खत्म, राज्य में आम आदमी के लिए रोबोटिक सर्जरी सुविधा उपलब्ध, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य की पहली रोबोटिक सर्जरी सुविधा का किया उद्घाटन

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हिमाचल प्रदेश ने अपने चिकित्सा इतिहास में महत्वपूर्ण अध्याय लिखते हुए आज शिमला के चमियाना स्थित अटल चिकित्सा सुपर स्पेशियलिटी संस्थान में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य की पहली रोबोटिक सर्जरी सुविधा का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अत्याधुुनिक तकनीक के उपयोग से किए गए पहले ऑपरेशन का अवलोकन भी किया। इसकेे उपरान्त मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के साथ एक बैठक में अस्पताल के कामकाज की समीक्षा की और संस्थान को मजबूत बनाने के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने नए विभागों के निर्माण, लैब तकनीशियनों और डायलिसिस तकनीशियनों की भर्ती और एक छात्रावास के निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही एक उच्च-तकनीक युक्त 3-टेस्ला एमआरआई मशीन भी स्थापित की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने चमियाना में एक आंतरिक स्वचालित प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 23 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने पांच वर्ष पहले अपनी रोबोटिक सर्जरी को याद करते हुए कहा कि यह एक विचार का बीज था और आज यह वास्तविकता बन गया है। इस सुविधा के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा अब आम लोगों के लिए भी सुलभ होगी। शीघ्र ही चरणबद्ध तरीके से आईजीएमसी शिमला, नेरचौक, टांडा और हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालय में रोबोटिक सर्जरी सेवाएं आरम्भ की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर पुरानी मशीनों को बदल रही है। आईजीएमसी शिमला में 20 वर्ष पुरानी एमआरआई मशीन को भी बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में गुणात्मक सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 23 वर्षों से अधिक समय के बाद राज्य सरकार ने तकनीशियन पाठ्यक्रमों में भी सीटें बढ़ाई हैं। आईजीएमसी शिमला में बीएससी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग, बीएससी एनेस्थीसिया और ओटी तकनीक में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में इन्हीं पाठ्यक्रमों की सीटें 18 से बढ़ाकर 50 कर दी गई हैं, जिससे युवाओं को राज्य में ही प्रशिक्षण मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि मरीजों को लाभ पहुंचाने के लिए टांडा, नेरचौक, हमीरपुर, नाहन और चंबा मेडिकल कॉलेज में स्वचालित इन-हाउस लैब भी स्थापित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाने के लिए व्यक्तिगत रूप से चिकित्सकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ पहले ही चर्चा हो चुकी है और वह शीघ्र ही फीडबैक लेने के लिए नेरचौक का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से हम हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अटल इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी चमियाना में एक पेपरलेस लैब का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि चमियाना अस्पताल राज्य का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है जो मरीजों को रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध करवाएगा। मरीजों को उनकी सभी रिपोर्ट उनके मोबाइल फोन पर प्राप्त होगी, जबकि चिकित्सक सीधे अपने सिस्टम पर उन्हें देख सकेंगे। उन्होंने कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की और पंजीकरण प्रणाली को सुव्यवस्थित और रोगी-अनुकूल बनाने का आग्रह किया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने इस अवसर को राज्य के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि हिमाचल प्रदेश शीघ्र ही उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम करेगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने रोबोटिक सर्जरी सुविधा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के लिए बेहतर आवासीय सुविधाओं का आग्रह किया।
अटल चिकित्सा सुपर स्पेशियलिटी संस्थान के प्राचार्य डॉ. बृज शर्मा ने बताया कि संस्थान को देश की सबसे अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों में से एक मशीन उपलब्ध करवाई गई है। यह पीजीआई चंडीगढ़ में भी उपलब्ध नहीं है और एम्स दिल्ली के समकक्ष है। इस सुविधा का लक्ष्य आगामी छह माह में 400 रोबोटिक सर्जरी करना है।
इस अवसर पर विधायक अजय सोलंकी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।

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