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हिमाचल प्रदेश विधिक अध्ययन संस्थान ने आयोजित की आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद , प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बतौर मुख्य अतिथि हुए शरीक

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पंचवर्षीय विधिक अध्ययन संस्थान द्वारा दो दिवसीय आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय विधिक अध्ययन संस्थान, विकसित भारत 2047 के अंतर्गत भारतीय युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और चंडीगढ़ यूथ सर्किट के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घानट हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा किया गया।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के माननीय कुलपति आचार्य महावीर सिहं एवं प्रति कुलपति आचार्य राजेंद्र वर्मा विशिष्ट अतिथि, हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्विद्याल की कुलपति आचार्या प्रीति सक्सेना कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में एवं विकसित भारत हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय के नोडल ऑफिसर आचार्य नितिन व्यास उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश के राज्यपाल ने युवा सभासदों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अधिकतर जनसंख्या युवा है और इस युवा ऊर्जा को निर्माण एवं सृजन की ओर दिशा देना अत्यावश्यक है तभी 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार हो सकता है।
आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद जैसे कार्यक्रम छात्रों के शैक्षणिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अवसर है। ऐसे कार्यक्रम न केवल युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करते हैं बल्कि देश की संसदीय एवं प्रजातंत्रीय व्यवस्था को भी और अधिक मजबूत करते है।

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंच संकल्पों’ के ध्येय को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे विकसित भारत के संकल्प की बात हो या गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व करने की बात हो या फिर एकता और एकजुटता के साथ रहने की और फिर चाहे नागरिक कर्तव्यों के अनुपालन की बात हो। ये सभी ध्येय ऐसे है जिन्हें प्राप्त करने की दिशा में सभी युवाओं को जी जान से मेहनत करनी है।

छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विश्वभर में आज जेनजी (Gen-Z) की चर्चा हो रही है। इस देश का जेनजी अन्य देशों से अलग है। इस देश का जेनजी देश के विकास के रथ को खींचने में, देश को विश्वगुरू बनाने की दिशा में सृजनात्म कार्य कर रहा है।

मॉडल यूनाइटेड नेशन्स युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सोचने और चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है। यह शांति, मानवाधिकार, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय जैसे अहम मुद्दों को चर्चा, विचार-विमर्ष और संसदीय बहस के माध्यम से हल करने के तरीके सिखाता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें इस बात का ध्यान होना चाहिए कि भारत विश्व का न केवल सबसे बड़ा बल्कि सबसे मजबूत लोकतंत्र है। युवा संसद जैसे कार्यक्रम संसदीय एवं प्रजातंत्रीय प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में सार्थक कदम है। ऐसे कार्यक्रम युवा पीढ़ी को लोकतंत्र की वास्तविकता का अनुभव कराती है।

उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण विश्व आज संघर्षों के नए दौर से गुजर रहा है। ऐसे परिदृश्य भारत की भूमिका अंतरराष्ट्रीय मंच पर अहम हो जाती है। वैश्विक संघर्षों से पैदा अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता की परिस्थिति में भारत ने न केवल अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए उनकी सुरक्षा की है ब्लकि वैश्विक शांति के प्रति अपना संकल्प भी मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि भारत की ऐसी मज़बूत स्थिति देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण है जिनकी गिनती विश्व के एक गंभीर एवं शीर्ष नेता को रूप में होती है।

अपने राजनीतिक अनुभवों को युवाओं से साझा करते हुए उन्होंने काहा कि देश के भीतर और देश के बाहर जब भी हम कोई कार्य करते हैं तो उसमें हमें राष्ट्र को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने युवा सभासदों से आग्रह किया कि कार्यक्रम में बहस के दौरान वह भी राष्ट्र प्रथम एवं सेवा भाव के सिधांत को ध्यान में रखे।

आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद कार्यक्रम वर्तमान परिस्थियों के अनुसार प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण विषयों पर आयोजति किया गया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आयोजन हिमाचल प्रदेश में सतत विकास एवं आपदा का संकट विषय पर, लोक सभा का आयोजन मताधिकार एवं संविधान के तहत चुनाव आयोग की भूमिका विषय पर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दक्षिण एशिया में परमाणू संघर्ष को रोकना एवं रणनितिक स्थिरता विस्तार करना विषय पर, संयुक्त राष्ट्र आम सभा आर्थिक भेद्यता एवं टैरिफ विवाद विषय पर आयोजत की गई। इस कार्यक्रम में देश भर से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मताधिकार एवं संविधान के तहत चुनाव आयोग की भूमिका विषय पर पैनल डिस्कशन भी होगा और साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होगी। दूसरे दिन समापन सत्र के दौरान विभिन्न गतिविधियों के विजेताओं एवं उपविजेताओं को सम्मानित भी किया जाएगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं हिमाचल प्रदेश विश्विद्याल के कुलपति आचार्य महावीर सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद जैसी पहल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को भी एक नई दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्याल पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दे पर गंभीरता से कार्य कर रहा है और इस दिशा में विश्वविद्याल ने देश और विदेश के नामी संस्थानों के साथ नौ समझौता ज्ञापन किए है और ग्रीन एनर्जी तथा डिजास्टर रिस्क पर नए केंद्र भी स्थापित किए है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं हिमाचल प्रदेश विश्विद्याल के प्रतिकुलपति आचार्य राजिंद्र वर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि आदर्श संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद के विषय बेहद प्रासांगिक है और जब भी देश के सामने कोई चुनौती आई है तो छात्रों ने उनके निवारण में अहम योगदान दिया है।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्विद्याल की कुलपति आचार्या प्रीति सक्सेना ने अपने भाषण में कार्यक्रम के सभी बिंदुओं पर बात की। सतत विकास एवं आपदा संकट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण की कीमत पर विकास नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि विकास, पर्यावरण संरक्षण एवं सांस्कृतिक विरासत से संतुलित समायोजन की दिशा में हिमाचल प्रदेश एक आदर्श राज्य बन सकता है। मताधिकार एवं चुनाव विषय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये दोने प्रजातंत्र के स्तंभ है और हम सभी की इन दोनों विषय की व्यापक समझ होना बहुत ज़रूरी है।

विकसित भारत 2047 के अंतर्गत भारतीय युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कार्यक्रम अधिकारी आचार्य श्री नितिन व्यास ने विकसित भारत के लक्ष्य के प्रति युवाओं के सजग किया।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्याल विधिक अध्ययन संस्थान के निदेशक आचार्य श्री शिव कुमार डोगरा ने कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्याल के इतिहास में आदर्श संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, एवं अन्य सभी विशिष्ट अतिथियों को स्वागत एवं धन्यवाद किया।

इस दौरान कार्यक्रम की संयोजिका डा. सयोंगिता ठाकुर, संयोजक सचिव डॉ विजय चौधरी के अतिरिक्त संस्थान के सभी शिक्षक भी मौजूद रहे।

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