वर्ष 2022-23 के बजट से हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ गदगद,महासंघ के प्रांत अधिवेशन में की गई घोषणाओं पर लगी मुहर से हुए खुश
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री के बजटीय भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2022-2023 के बजट भाषण में शिक्षक समाज की बहुत सारी कई वर्षों से लटकी हुई मांगों को पूरा करके कर्मचारी हितैषी होने का प्रमाण दिया है और हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पत्र के अनुसार अधिकांश मांगों को पूरा कर दिया है । अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रेरणा से हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों छात्रों और राष्ट्रहित के लिए लगातार काम करता है। राष्ट्रहित में शिक्षा शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षकों के हित में समाज इस परिकल्पना के साथ हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत अधिवेशन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया था कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की मांगों को समय रहते पूरा किया जाएगा। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अखिल भारतीय राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा, हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर, संगठन मंत्री विनोद सूद सहित हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के द्वारा की गई घोषणाओं का स्वागत किया है।
आज शिक्षक समाज के लिए बड़ी खुशी का दिन है कि भाषा अध्यापकों और शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में की है । जिसमें राष्ट्रभाषा हिंदी और भाषाओं की जननी और सर्वश्रेष्ठ एवं वैज्ञानिक भाषा संस्कृत को सम्मान दिया है।
मीडिया को जारी बयान में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत मीडिया प्रमुख शशि शर्मा ने बताया कि 26-04 -2010 से पूर्व नियुक्त स्नातक और पदोन्नत प्रवक्ताओं को मुख्याध्यापक और प्रधानाचार्य बनने के दोनों विकल्पों की बहाली करके एक बहुत बड़ी अनियमितता को दूर किया और मांग को पूरा करके शिक्षकों को गदगद कर दिया है ।उन्होंने कहा कि पाठशाला में कार्यरत प्रवक्ताओं के नाम के साथ पूर्ववर्ती सरकारों ने छेड़छाड़ की और उनको पीजीटी नाम से संबोधित किया और यह बड़ी हैरानी का विषय था कि एक पीजीटी की ट्रांसफर प्रवक्ता के साथ हो जाती थी जबकि दोनों का आपस में नाम का अंतर था। जयराम सरकार आते ही हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर इस मांग और अनियमितता के ऊपर गौर किया गया लेकिन फिर किसी वजह उसमें भी प्रवक्ता स्कूल न्यू कहकर मामला उलझ गया । हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह प्रवक्ता नाम केवल प्रवक्ता ही होना चाहिए स्कूल न्यू नहीं और आज मुख्यमंत्री ने अपने द्वारा किए गए वायदे को पूरा करते हुए हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की इस मांग को पूरा कर दिया । एसएमसी अध्यापकों के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर आज है जिसमें कहा गया कि एसएमसी अध्यापकों की सेवाएं निरंतर चलती रहेंगी और नीति बनाने का काम किया जाएगा साथ ही वर्षों से कार्य कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों का वेतन भी ₹1000 बढ़ाया है जिसमें हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ आग्रह करता है कि इनके साथ और अधिक न्याय करने की आवश्यकता है।
साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने पाठशाला में पढ़ते हुए छात्रों के वजीफे की राशि को भी बढ़ा दिया है जोकि गरीब बच्चों के लिए एक बहुत बड़ी राहत है