अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की हिमाचल इकाई ने मुख्यसचिव से की शिक्षकों की मांगें पूरी करने की अपील
आज अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ हिमाचल इकाई के प्रांत महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने मुख्यसचिव से मिल कर बजट सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आग्रह को पूरा करने की अपील की। प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि पहली बार प्रदेश में कर्मचारियों को सुनने और पूरा करने वाली सरकार आई है। जिन्होंने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को भरपूर लाभ दिया है। बैठक में मुख्यसचिव से जिन विषयों पर चर्चा हुई, उनमें 2012 से विद्यालयों में सेवाएं दे रहे एसएमसी अध्यापको को नियमित करने पर चर्चा की। 2010 से पूर्व नियुक्त टीजीटी को प्रमोशन में पहले की तरह मुख्याध्यापक और प्रवक्ता के ऑप्शन बहाल करना, प्रवक्ता न्यू को प्रवक्ता पदनाम, भाषा अध्यापकोंऔर सँस्कृत अध्यापको को टीजीटी का दर्जा देना तथा उनके द्वारा पूर्व में पास किए गए टेट को मान्यता प्रदान करना, 2000 में नियुक्त विद्या उपासकों के पक्ष में उच्च न्यायालय के आदेश लागू करना, शिक्षा विभाग में 20 वर्षो से सेवा दे रहे कंप्यूटर अध्यापकों को स्थाई करना, 2002 में कमीशन पास कर चुके पूर्व सरकार में 2008 तक प्रताड़ित टीजीटी को 2003 से सारे लाभ देना, प्रदेश के कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस आदि हिमकेयर की तरह सुविधा देना, विश्वविद्यालय और कॉलेज को यूजीसी वेतनमान लागू करना, अंतर जिला ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन कर रेगुलर होने के बाद ट्रान्सफर शिक्षकों की वरिष्ठता को यथावत रखना, सँस्कृत और जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति, सभी उच्च विद्यालयों और वरिष्ठ विद्यालयों में टीजीटी हिंदी के पद सृजित करना, हिमाचल प्रदेश में अनुवंध नीति 22 अक्तूबर 2009 को लागू हुई थी, 2008 से अक्टूबर 2009 तक नियुक्त शिक्षकों को अनुबंध से बाहर कर नियमित नियुक्ति देना, सभी विद्यालयों में बिजली के बिल को फ्री करना, डीपीई को प्रवक्ता पदनाम देना, 1641 प्रधानाचार्यों को 2017 के बाद नियमित करने सहित विभिन्न विषयों पर बैठक में चर्चा हुई।डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि बहुत जल्द इन मांगों को पूरा करने पर विभाग विचार कर रहा है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा,प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, संगठन मंत्री विनोद सूद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जय शंकर ठाकुर, प्रान्त कार्यकारिणी के सदस्यों ने और जिला कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षको की मांगों पर विचार करने के लिए बहुत जल्द एक अधिवेशन करवाने का निर्णय लिया है।