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बहुचर्चित कोलकाता दुष्कर्म व हत्या मामले में देश सहित प्रदेश के अस्पतालों में रही 24 घण्टे की हड़ताल, चिकित्सकों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और केंद्रीय सुरक्षा कानून की उठाई मांग

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कोलकाता में आर.जी. कर राजकीय अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर आज देशभर में डाॅक्टर हड़ताल पर रहे। एसोसिएशन ने पीड़ित महिला डॉक्टर के लिए न्याय और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए केन्द्रीय सुरक्षा कानून की मांग की है।

संगठन की अपील पर इस हड़ताल में निजी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल रहे। आई.एम.ए. ने कोलकाता के अस्पताल में हुई तोड़-फोड़ की भी निंदा की है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों के साथ हिंसा मामले में, छह घण्टे के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने और इसकी ज़िम्मेदारी संस्थान प्रमुख की सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ।
    शिमला सहित प्रदेशभर में भी आज डाॅक्टर हड़ताल पर रहे।  आईजीएमसी शिमला में रेजिडेंट डाॅक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने मुख्य द्वार के बाहर प्रदर्शन किया और चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेंट्रल प्रोटैक्शन एक्ट बनाने की मांग की। डाॅक्टरों की हड़ताल के कारण आज ओपीडी में डाॅक्टर नहीं मिले, जिससे मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। रेजिडेंट डाॅक्टरों का कहना है कि अस्पताल में उनकी सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है । उन्होंने कोलकाता में हुई घटना के दोषियों को जल्द सजा दिलाने की मांग की । प्रदेश के अन्य ज़िलों में भी सरकारी व निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प रहीं।
    इस बीच प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव विकास ठाकुर ने आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए हैल्थ प्रोटैक्शन एक्ट लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी डाॅक्टरों के साथ कई बार दुव्र्यवहार हो चुका है। विकास ठाकुर ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने से डाॅक्टरों विशेषकर महिला डाॅक्टरांे में खौफ का माहौल बन गया है। 

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