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भारतीय राज्य पेंशन महासंघ का राज्य सरकार पर तीखा हमला-दो साल में सरकार ने पेंशनरों को नहीं दिया एक भी पैसा,किया सवाल- कहां गए प्रदेश के हजारों करोड़ रुपए और सरकार द्वारा लिया गया कर्ज़

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घनश्याम शर्मा भारतीय राज्य पेंशन महासंघ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि यह भाग्य की बहुत बड़ी विडंबना है और प्रदेश की जनता का दुर्भाग्य है कि लगभग दो वर्षों से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन पेंशनरों सहित समाज का हर वर्ग त्रस्त है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर के सत्ता में आई थी लेकिन आज बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जिन लोगों ने सारी उम्र प्रदेश की तरक्की के लिए लगा दी इस प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बनाने में लगा दी, सरकारी नौकरी करते हुए गुजार दी आज वह उम्र के इस पड़ाव में आकर के हिमाचल प्रदेश के कोने कोने से लोग यहां पर पहुंचे हैं। यह सरकार की नालायी का जीता जागता नमूना है, दो साल से यह सरकार स्थापित हुई है, हिमाचल प्रदेश का पूर्व कर्मचारी और वरिष्ठ नागरिक इतनी बुरी तरह से ग्रस्त हुआ है कि जिसका अंदाजा आप आज के प्रदर्शन से लगा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के इन बुजुर्ग लोगों एवं पूर्व कर्मचारियों के हजारों करोड़ रुपए के चिकित्सा भत्ते बिल का भुगतान नहीं किया है। सबसे पहला विषय तो यह है कि जिन लोगों को इस उम्र में बीमारी के लिए दवाई की जरूरत है, इलाज की जरूरत है, लेकिन इस सरकार ने पिछले दो वर्षों से एक भी रुपया हिमाचल प्रदेश के पूर्व कर्मचारियों को चिकित्सा भत्ते के रूप में नहीं दिया और इसी कड़ी के चलते हमारे सैकड़ों पूर्व कर्मचारी स्वर्ग सिधार गए। मैं सरकार से पूछना चाहता हूं और सीधा-सीधा आरोप लगाना चाहता हूं कि प्रदेश की सरकार एवं मुख्यमंत्री यह बताएं कि क्या प्रदेश की सरकार में कोई मंत्री, कोई विधायक या स्वयं मुख्यमंत्री कोई बीमार नहीं हुआ, दो साल के अंदर अगर हुआ है तो क्या उनके भी चिकित्सा भत्ते को रोके हुए हैं। इस बात को लेकर के वह स्वेत पत्र जारी करें। प्रदेश की जनता एवं पूर्व कर्मचारी जानना चाहते है कि जिन लोगों ने इस सरकार को चुन कर के सत्ता में भेजा, आज वही सरकार कर्मचारियों की उम्र को तिनके तिनके कर खत्म कर रही है। हजारों करोड़ रुपए का हमारा पे कमीशन का सरकार के पास पेंडिंग पड़ा है, हम पिछली भाजपा सरकार का धन्यवाद करना चाहते हैं उन्होंने कम से कम पूर्व भुगतान की एक किस्त प्रदेश के तमाम पूर्व कर्मचारी कर्मचारियों को दी। उन्होंने कहा कि दो वर्षों से इस सरकार ने एक पैसा हमें नहीं दिया, हजारों करोड़ रुपए का कर्जा प्रदेश की सरकार ने ले रखा है। हम यह भी जानना चाहते हैं कि प्रदेश के यह हजारों करोड़ रुपए और सरकार द्वारा लिया कर्जा गया कहां ? आज सरकार कहती है कि वितीय परिस्थितियां हमारी खराब है वित्तीय परिस्थिति खराब क्यों नहीं होंगी, एक मंत्री एक गाड़ी, उसके स्टाफ की एक गाड़ी उसकी बीवी और बच्चों की गाड़ियां तो खर्चा तो बढ़ेगा ही, ऐसे व्यवस्था क्यों ?

प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है तो कम से कम सरकार अपनी सुविधाओं पर भी अंकुश लगाए । आज प्रदेश के अधिकारियों की फौज लगातार सरकार के पैसे का मिसयूज कर रही है, जितने भी टॉप पर बैठे अधिकारी एक एक गाड़ी उनके बच्चों को और बीवियों को घुमा कर के शहर में लेकर जाती है, क्यों अगर व्यवस्था ठीक नहीं है तो खर्चे रोकने के लिए बहुत सारे उपाय करने की जरूरत है। अफसोस इस बात का है कि प्रदेश के मुखिया सत्ता के नशे में इतने चूर हैं कि वह किसी से ना तो राय शुमारी करना चाहते हैं, ना किसी से मशवरा करना चाहते हैं, हमने कहा कि आप हिमाचल प्रदेश के पूर्व कर्मचारियों की जैसी कि की बैठक बुलाइए तमाम संगठनों को बुलाइए बैठ में चर्चा करेंगे। यह प्रदेश जितना उनका है उससे ज्यादा हमारा भी है और हमारा यह मानना है कि सबसे पहले हमारे लिए देश है, प्रदेश है और प्रदेश के बाद हमारे लिए हमारे हक हैं। लेकिन जब कोई बात ही नहीं करना चाहता है केवल सत्ता में विराजमान है तो आज मैं इस बात का ऐलान यहां से करना चाहता हूं, प्रदेश का वरिष्ठ नागरिक जाग गया है, तो आप देखिए आने वाले समय में होता क्या है। सरकार कितने दिन टिकेगी ये तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन लोगों का ध्यान भटकाने के लिए झूठ बोलना ठीक नहीं है।


श्री घनश्याम शर्मा ने इस अवसर पर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जो वेतनमान वर्ष 2016 में लागु किये गये थे उसको तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2022 में लागु किया था तथा इसकी एरियर की एक किश्त मु 50000 रूपये है सभी पेंशन भोगिओ को अदा कर दी गयी थी इसके अतिरिक्त सभी पेंशनर संगठनों की सांझी JCC करवाकर उनको 65-70-75 वर्ष की विशेष वेतन वृद्धि भी दिलवाई ! और साथ ही उस वक्त के केंद्रीय वित् राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर को पालमपुर में एक ज्ञापन श्री घनश्याम शर्मा की अध्यक्षता में सोंपा गया जिसमे 65-70-75 वर्ष की पेंशनर वृद्धि को केंदर सरकार द्वारा मूल पेंशन में समायोजित करने का अनुरोध किया गया था जिसमे अनुराग सिंह ठाकुर जी के प्रयास रंग लाये और उनकी अध्यक्षता मै केंद्र ने राधामोहन कमेटी का गठन कर इस कार्य हेतु इसकी रिपोर्ट वित् विभाग को प्रेषित की ! और भविष्य में किसी भी वक्त इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है ! श्री घनश्याम शर्मा ने आगे कहा है की अगर प्रदेश सरकार ने दुई पक्षीय बातचीत द्वारा समस्या का हल नही किया तो भविष्य मै प्रदेश भर मै प्रचंड आन्दोलन शुरू किया जाएगा !

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