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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने शिमला में विशाल तिरंगा यात्रा में लिया भाग, जयराम ठाकुर ने सेक्युलर सिविल कोड की तरफ जाने की जताई आवश्यकता

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भाजपा जिला शिमला द्वारा आयोजित हर घर तिरंगा यात्रा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। यात्रा में उनके साथ प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, कोषाध्यक्ष कमल सूद, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, , कार्यालय सचिव प्रमोद ठाकुर, संजय सूद, जिला अध्यक्ष प्रेम ठाकुर उपस्थित रहें।
युवा मोर्चा ने इस कार्यक्रम में अग्रिम भूमिका निभाई, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज ने इस यात्रा में युवाओं का नेतृत्व किया।

जयराम ठाकुर ने इस अवसर पर कहा की हर घर तिरंग यात्रा में अद्भुत जोश देखने को मिला। युवा, बुजुर्ग, महिलाओं ने इस तरंगा यात्रा में बड़ चढ़ कर भाग लिया, आज स्वतंत्रता दिवस पर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अभियान का जिक्र किया था।

उन्होंने कहा की पीएम मोदी ने आपने 11वे स्वतंत्रता दिवस के संविधान में बताया की आजादी से पहले सैकड़ों साल की गुलामी का हर कालखंड संघर्ष का रहा। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जाती थी। 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, सामर्थ्य दिखाया, एक सपना और संकल्प लेकर चलते रहे- भारत की आजादी का। हमारी रगों में उन्हीं का खून है। 40 करोड़ लोगों ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया था, दुनिया की महासत्ता को उखाड़ फेका था। 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी के सपने को पूरा कर सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर, एक दिशा निर्धारित कर चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हर चुनौती को पार कर समृद्ध भारत बना सकते हैं, 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

जयराम ने कहा देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कह रही है और देश के संविधान निर्माताओं का भी ये सपना था। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, जो ऊंच नीच का कारण बनते हैं। वैसे कानूनों के लिए देश में कोई जगह नहीं हो सकती। हमने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा।

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