Today News Hunt

News From Truth

“आई लव यू” बोलकर सबको रुला गया मराठी रंगकर्मी ‘नट सम्राट’ अप्पा बेलवेलकर, भूपेंद्र शर्मा के सशक्त निर्देशन और कलाकारों की खूबसूरत अदाकारी का चला जादू,दो घण्टे तक एक भी दर्शक नहीं हिला अपनी कुर्सी से

Spread the love

शिमला के गेयटी थिएटर में गेयटी ड्रैमेटिक सोसाइटी की ओर से 30 मार्च को मंचित मराठी नाटक “नट सम्राट” लोगों के दिलोदिमाग पर ऐसा छाया कि दिन भर की थकान और बरसों की अच्छे रंगमंच की प्यास बस दो घण्टे में कहां काफूर हो गई पता ही नहीं चला । इस नाटक के हर कलाकार पर जिस बारीकी से काम किया गया है वो तो काबिले तारीफ है ही साथ ही धारा परवाह संवादों और खूबसूरत अदाकारी ने दर्शकों को पूरी तरह बांधे रखा । कई वर्षों के बाद रंगमंच पर उतरे परमेश शर्मा की अदाकारी में आज भी वही पैनापन नज़र आया । नट सम्राट’ गणपत राव अप्पा बेलवेलकर की भूमिका में परमेश शर्मा इस चरित्र के साथ न्याय करने में पूरी तरह सफल नज़र आए। नट सम्राट के मंचन के लिए स्टेज पर उतरे हर कलाकार ने अपनी अपनी भूमिका को बखूबी निभाया । ‘नट सम्राट’ अप्पा बेलवेलकर गेयटी में लोगों को हिला गया और रुला भी गया। स्टेज पर झंडा गाड़ने के लिए ‘नट सम्राट’ घोषित एक्टर, गणपत राव बेलबेलकर रिटायर होकर घर पहुंचता है। बेलवलकर मस्तमौला सरीखा इंसान दिखाया गया है जो जीवन के हर क्षण को मस्ती से जीता है और जितना साफ दिल वो खुद होता है उसी अपेक्षा से अपने बच्चों में अपने जीवन की पाई पाई बांट देता है। लेकिन मंच पर कई चरित्रों को जीने वाला बेलवलकर पारिवार के मंच पर उस वक्त टूट जाता है, बिखर जाता है, जब उसके अपने ही बच्चे उसके और उसकी पत्नी के साथ गैरों सा बर्ताव करते हैं और तो और उसकी सबसे प्यारी पोती से मिलने पर भी रोक लगा दी जाती है । जब उसकी अपनी लाडली बेटी उन दोनों बूढ़ों को सर्वेन्ट क्वार्टर में रहने को मजबूर कर देती है और उन पर चोरी तक का इल्जाम लगा देती है । इस सबसे आहत बेलवलकर कहता है- बेटा-बेटी नाते-रिश्ते कुछ नहीं है, सिर्फ सीढ़ियां हैं, सीढ़ियां——-। अप्पा बेलवलकर अंत में बुरी तरह टूट कर शेष हो जाता है।

80 वर्षीय अप्पा जब अपनी पत्नी कावेरी को बरसों से अपने मन के भीतर छुपे प्यार का इज़हार करते हुए आई लव यू बोलता है तो पूरी दर्शक दीर्घा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजती है और हरकिसी की आंखे छलक जाती हैं ।

भूपेंद्र शर्मा के कुशल निर्देशन में ‘नट सम्राट’ नाटक दर्शकों को भावविभोर कर गया। अप्पा (परमेश शर्मा) पत्नी कावेरी (रेखा) के सामने अपनी संपत्ति बेटा नंदा (मोहित) बेटी नलू (रश्मि) में बराबर बांट देता है। तय होता है कि रिटायरमेंट के बाद दोनों मां-बाप कुछ दिन बेटे के पास और कुछ दिन बेटी के पास रहेंगे। पोती सुहास (आराध्या) से अप्पा को विशेष लगाव है। बहु सारदा नहीं चाहती कि अप्पा व सुहास आपस में घुले -मिले जो परिवार में तनाव का कारण बनता है। बेटा बहू की उपेक्षा व प्रताड़ना के शिकार दोनों मां-बाप बेटी नलू के घर का रुख करते हैं। बेटी के घर में भी अप्पा पर चोरी का झूठा इल्जाम लगता है। इस सदमें से कावेरी चल बसती है। अप्पा अपने बेटी दामाद के घर से चुपचाप निकल जाता है। मुंबई में उसकी भेंट एक सड़क छाप लड़के राजा से होती है। राजा को माता-पिता ने तो अप्पा को बेटा बेटी ने घर से निकाला है। अंत में अप्पा को ले जाने आए परिवारजन को निराशा हाथ लगती है जब अप्पा परिवार के बजाय राजा के साथ रहना पसंद करता है।

गेयटी ड्रैमेटिक सोसाइटी के इस नाट्य मंचन पर प्रदेश के वित्त सचिव देवेश कुमार बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए । उन्होंने कलाकारों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि 70 के दशक में लिखा गया यह नाटक आज भी प्रासंगिक है। देवेश कुमार ने निर्देशक भूपेंद्र शर्मा सहित सभी कलाकारों के सफल प्रयासों की खुलकर तारीफ की । उन्होंने कहा कि इस नाटक के माध्यम से जो दर्द जो पीड़ा दिखाई गई है वो किसी व्यक्ति विशेष के आचरण की बजाए पीढ़ी के अंतर का नतीजा है । उन्होंने इस नाटक को पूरे समाज को सीख देने वाला बताया ।

इस अवसर पर भाषा कला संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक मनजीत शर्मा शिमला की वरिष्ठ रंग गर्मी प्रवीण चंदला प्रोफेसर कमल मनोहर शर्मा जवाहर कॉल केदार ठाकुर सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

About The Author