Today News Hunt

News From Truth

विभाजन विभीषिका दिवस पर भाजपा के निशाने पर एक बार फ़िर आज़ादी के दौरान के राजनेता,कहा-सम्भावित साम्प्रदायिक दंगों को रोकने के नहीं किए गए प्रयास

Spread the love

भारतीय जनता पार्टी द्वारा विभाजन विभीषिका दिवस के शिमला के जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन जिला अध्यक्ष प्रेम ठाकुर की अध्यक्षता में भाजपा मुख्यालय दीपकमल चक्कर में किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा उपस्थित रहे।
बिहारी लाल शर्मा ने कहा की भारत का विभाजन हमारे अति प्राचीन देश और सोने की चिड़िया के साथ गलत निर्णय। पूरे विभाजन में ऐसा प्रतीत होता था की जवाहर लाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनने की बहुत जल्दी थी।


उन्होंने कहा की माउंटबैटन के प्रेस सलाहकार रहे एलन कैंपबेल-जोहानसन ने ‘मिशन विद माउंटबैटन’ नाम से एक पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक के अनुसार उन्होंने 1 जून 1947 को अपनी मां को एक पत्र लिखकर कहा कि “यहां हम महत्वपूर्ण घटनाओं के द्वार पर खड़े हैं और सत्ता हस्तांतरण के बारे में माउंटबैटन की ऐतिहासिक घोषणा की प्रचार व्यवस्था को अंतिम रूप देने के काम में निरंतर डूबा हुआ हूँ। वातावरण बहुत ही क्षुब्ध है और अगर फैसला विभाजन के पक्ष में हुआ, जैसा कि निश्चित सा है, तो बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं।” उन्होंने आगे लिखा, “यह बात ध्यान देने योग्य है कि गुस्सा अंतरिम और आपसी है। अंग्रेज हिन्दू और मुसलमानों दोनों में जितने लोकप्रिय आज हैं, उतने पहले कभी नहीं थे।” इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए लिखा कि नेहरु कहते हैं मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान देकर वह उनसे मुक्ति पा लेंगे। वह कहते हैं कि ‘सिर कटाकर हम सिरदर्द से छुट्टी पा लेंगे।’ उनका यह रुख दूरदर्शितापूर्ण लगता था क्योंकि अधिकाधिक खिलाने के साथ-साथ जिन्ना की भूख बढ़ती ही जाती थी।
बिहारी ने कहा की इस चिट्ठी से चार बातें सामने आती हैं। स्वाधीनता और सत्ता हस्तांतरण में क्या अंतर था, ब्रिटिश इसे सत्ता हस्तांतरण क्यों कह रहे थे? विभाजन से पहले ही सभी को अंदाजा था कि बड़े स्तर पर सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं। फिर भी उन्हें रोकने के प्रयास क्यों नहीं किये गये? जिस आजादी के लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, बलिदान दिया और जेल गये, 1947 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के नेता अंग्रेजों के दोस्त बन गये? क्या जवाहरलाल नेहरू के लिए विभाजन एक खेल था? उन्हें सिर्फ जिन्ना से छुटकारा पाने के लिए देश को ही विभाजित कर दिया? लाखों-करोड़ों को मरने-मारने पर उतार दिया। सांप्रदायिक दंगों से लेकर सड़कों पर जानवर इंसानी मृत शरीरों को नोच रहे थे।
कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद डॉ सिकंदर कुमार, प्रदेश कोषाध्यक्ष कमल सूद, कार्यालय सचिव प्रमोद ठाकुर, प्रत्याशी संजय सूद, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, संपादक गणेश दत्त, मोर्चा अध्यक्ष बिलाल अहमद, विजय परमार, प्यार सिंह कंवर, रमा ठाकुर, सुनील धर, गौरव कश्यप, पूर्ण चंद, रजनी सिंह और अनेकों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

About The Author

You may have missed