शिमला ग्रामीण की पाहल,घैणी और नीन पंचायत के लोगों में मटमैला पेयजल मिलने से विभाग और सरकार के खिलाफ गहरा रोष, न्यासेर गांव में तीनों पंचायत के लोगों ने बनाई भावी रणनीति, चला सकते हैं जनजागरण अभियान

शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न पंचायत में लोगों में आक्रोश चरम पर है, वजह है जल जनित रोगों का भय । शिमला के कैथू -अनाडेल में निर्मित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से आए दिन गन्दा पानी यहां से निकलने वाली खड्ड में छोड़ा जाता है जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इस खड्ड से अधिकतर पंचायतों के लिए उठाऊ पेयजल योजना के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति जो रही है । इस समस्या को लेकर न जाने कितनी ही मर्तबा विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि सरकार ,सम्बंधित विभाग और प्रशासन के समक्ष अपनी दिक्कतें रख चुकें हैं लेकिन आश्वासन के टोकरे के सिवाय उनके हिस्से कुछ नहीं आया । जब भी गन्दा पानी इस खड्ड में मिलाया जाता है स्थानीय लोगों को कई कई दिन तक न तो पीने का पानी मुहैया हो पाता है और न उनके मवेशियों के लिए ही पानी उपलब्ध होता है । अपनी इसी समस्या को लेकर स्थानीय पाहल,घैणी और नीन पंचायत के लोगों के साथ मिलकर यहां के पंचायत प्रधानों ने न्यासेर गांव में एक बैठक का आयोजन किया और आगामी रणनीति पर चर्चा की । पाहल पंचायत प्रधान चंद्रकांता,घैणी पंचायत प्रधान गिरधारी लाल और नीन पंचायत के प्रधान बलदेव वर्मा ने सरकार से खड्ड की बजाए क्षेत्र के विभिन्न प्राकृतिक स्रोतों से पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग की।
पाहल पंचायत के उड्डयन विभक्त से सेवानिवृत्त पूर्व पायलट एस पी शर्मा और भूमि विकास बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक एचसी वर्मा ने स्थानीय लोगों से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एकजुटता से आगे आने और सरकार के समक्ष अपनी समस्या को उचित तरीके से उठाने का आह्वान किया ।
सम्सजसेवी संस्था साक्षी के सचिव भूपेंद्र शर्मा ने अनाडेल-न्यासेर खड्ड संरक्षण के लिए जनजागरण अभियान चलाने का आह्वान किया ताकि लोगों को जलजनित रोगों से बचाया जा सके और पेयजल संकट से भी बचा जा सके ।
इस मौके पर सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग गुम्मा के एस डी ओ योगेश वर्मा और जे ई शफी मोहम्मद सहित विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे और लोगों को उनकी समस्याओं से निजात दिलाने का आश्वासन दिया ।