शिमला का गेयटी थिएटर बनेगा राम से पुरूषोत्तम राम बनने और माता कैकई व मंथरा के बलिदान व त्याग का साक्षी, 22 दिसम्बर को आर्ट ऑफ लिविंग के बैंगलोर आश्रम के कलाकार करेंगे नृत्य नाटिका का मंचन, दर्शकों में अभी से दिखाई दे रहा है भारी उत्साह
आर्ट ऑफ लिविंग प्रदेश इकाई पूरे प्रदेश मेँ बच्चों और युवाओं को नशे की चपेट में आने से बचाने के लिए पूरी शिद्दत से कार्यरत है | नशा जागरुकता अभियान को और असरदार बनाने के लिए धनार्जन के लिए ये संस्था शिमला शहर के GAIETY THEATER में 22 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे “राम लला की माता” नामक एक संगीत नाटिका का मंचन करने जा रही है| यह नाटिका रामायण को एक अलग परिदृश्य में दिखाने में सक्षम है, इसमें माता कैकई और मंथरा के बलिदान और राजकुमार राम के मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम बनने की कथा है | यह संगीत नाटिका आर्ट ऑफ लिविंग बेंगलुरु आश्रम से आई संगीत नाटक मंडली के कलाकारों द्वारा मंचन किया जाएगा |शिमलावासी इस संगीत नाटिका को देखने के लिए उत्साहित हैं साथ ही वे नशा जागरुकता अभियान में सहयोगी बनने के लिए भी उत्सुक हैं |