प्रदेश अस्पताल फार्मेसी ऑफिसर संघ मुख्यमंत्री राहत कोष को देगा एक लाख 11 हज़ार रुपए, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सरकार को प्रदेश के सभी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने का दिया सुझाव
भारी बरसात के कारण प्रदेश में हुई तबाही को देखते हुए राज्य के कर्मचारी व अधिकारी सरकार के माध्यम से प्रभावितों को मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं । हि ० प्र० अस्पताल फार्मेसी ऑफिसर संघ के प्रदेशाध्यक्ष चमन ठाकुर, महासचिव मनोज शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन शर्मा, प्रेस सचिव कृष्ण कुमार, राकेश चंदेल अध्यक्ष बिलासपुर, अशोक शर्मा अध्यक्ष सोलन, सुरेंदर नड्डा, राजेश ऊना, भारत भूषण काँगड़ा, हंस राज चंबा ने इस आपदा की घड़ी में वित्तीय सहयोग के लिए संघ की तरफ से एक लाख ग्यारह हज़ार रूपए मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला लिया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष चमन ठाकुर ने कहा कि हि० प्र० अस्पताल फार्मेस ऑफिसर संघ सरकार के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़ा है और इस आपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को विश्वास दिलाता है कि संघ हर संभव सहयोग के लिए तैयार है। इसके साथ ही प्रदेश में कार्यरत सभी अस्पताल फार्मेसी ऑफिसर अपने एक दिन के वेतन को भी मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगें ।
वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांत महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने प्रदेश के कर्मचारियों से आग्रह किया कि प्रदेश बरसात के कारण बहुत बड़ी आपदा का सामना कर रहा है। ऐसे में सभी का दायित्व बनता है कि इस मुसीबत की घड़ी में हम सरकार और प्रदेश के जरूरत मंद लोगों के सहयोग के लिए आगे आएं । प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी हमेशा मुसीबत में सरकार के साथ खड़ा रहा है। ऐसे में हम सब को आर्थिक रूप से भी सरकार का सहयोग करना चाहिए और कम से कम एक दिन की सैलरी सरकार को दे देनी चाहिए। डॉ मामराज पुंडीर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह, शिक्षामंत्री रोहित ठाकुर और उनके सभी मंत्रीगण के सहयोगियों से आग्रह किया कि सरकार कर्मचारियों की कम से कम एक दिन की सैलरी को काटने के आदेश पारित करे। प्रदेश में कर्मचारियों के सहयोग से 100 करोड़ से ज्यादा का फंड इकठ्ठा किया जा सकता है जो इस आपदा के दौरान थोड़ा सहयोग प्रदेश की इस आपदा में दे सकता है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के समस्त कार्यकर्ता इस आपदा की घड़ी में सरकार को पूरा सहयोग करेंगे।