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बंगलुरू के उदयपुरा स्थित गुरुनगरी में उतरा पूरा गन्धर्व लोक,तीन दिन तक हेमामालिनी सहित अनेकों अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने बिखेरे कला के कई रंग

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आर्ट ऑफ लिविंग अंतरराष्ट्रीय केंद्र, बेंगलुरु में सम्पूर्ण भारत के 85 कलाकारों ने पहली बार झंकृति पुरस्कार 2023 प्राप्त किए ।
https://drive.google.com/drive/folders/1cjDphuglQ3Lem-7Ln9E1NeRtlxlz4bEQ?usp=share_link

नृत्य (नर्तन), वाद्य संगीत (वादन) और स्वर संगीत (गायन) की प्रत्येक श्रेणी के विजेताओं को वर्ल्ड फोरम फॉर आर्ट एंड कल्चर (डब्ल्यूएफएसी) द्वारा स्थापित झंकृति पुरस्कार प्रदान किए गए। झंकृति एक अखिल भारतीय ऑनलाइन प्रतियोगिता है जिसका उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय कला रूपों को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है।

सम्पूर्ण भारत के 85 कलाकारों ने पहली बार झंकृति पुरस्कार प्राप्त किये। पुरस्कारों को तीन व्यापक आयु समूहों में संरचित किया गया था: 8 वर्ष से कम, 8 से 16 वर्ष और 17 से 25 वर्ष।

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, कि “कुछ वर्ष पहले यह देखा गया था कि हमारे युवा भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य से दूर जा रहे थे, तभी हमने एक मंच बनाने का निर्णय लिया। अपनी संस्कृति को बचाना और संरक्षित करना आवश्यक है। बड़े कार्यक्रमों के कारण अधिक से अधिक लोग जुड़ने लगे और मिलने वाले आदर और सम्मान का उन्हें एहसास हुआ।

WFAC ने संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भारतीय शास्त्रीय और लोक कला रूपों में गायन, वादन और नृत्य का उत्सव मनाने के लिए अपनी तरह के पहले ऑनलाइन मंच का शुभारम्भ किया। 15 अगस्त 2022 को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस से 75 दिन पहले आजादी का अमृत महोत्सव के सहयोग से 1 जून 2022 को औपचारिक रूप से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।

पुरस्कार समारोह गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, जी किशन रेड्डी (भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के पर्यटन, संस्कृति और विकास मंत्री), मीनाक्षी लेखी (विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री), राजकुमार रंजन सिंह (शिक्षा राज्य मंत्री) की उपस्थिति में हुआ

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