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मंडी के त्रासदी पीड़ितों के लिए मसीहा बनकर उभरी अंतर्राष्ट्रीय समाजसेवी संस्था “आर्ट ऑफ लिविंग” संस्था ने आई.ए.एच.वी. (IAHV) के सहयोग से मंडी जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत और सुकून पहुँचाया

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लगातार हुई बारिश ने भयंकर बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन को जन्म दिया, जिससे कई लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए। न बिजली, न खाना, न रहने की जगह। कई लोग अब भी लापता हैं, और घाटियों में असुरक्षा और दुख की भावना व्याप्त है। इस पीड़ा और निराशा के समय में, ‘द आर्ट ऑफ लिविंग’ और अंतरराष्ट्रीय मानव मूल्यों संगठन आई.ए.एच.वी.(IAHV), जो कि विश्वविख्यात मानवतावादी ‘गुरुदेव श्री श्री रविशंकर’ द्वारा स्थापित हैं, ने आगे आकर पीड़ितों को भौतिक और मानसिक सहायता प्रदान की है।

‘9 जुलाई से’, लगातार बिजली कटौती, संचार बाधा और दुर्गम रास्तों के बीच, ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ की राहत टीम लगातार प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद रही है और राहत कार्यों का समन्वय कर रही है।

टीम ने थुनाग, जंजेहली, शिल्ही बगी, सिराज घाटी, बगाचनोगी, लंबाथाच ब्रिज, बारा, धर्मपुर, सुंदरनगर, संबल (बकसयड़) और कुल्लू जैसे अत्यधिक प्रभावित गाँवों तक पहुँच बनाई है – कई बार लंबी दूरी पैदल चलकर या उन स्थानों पर राहत पहुँचाई जहाँ वाहन नहीं पहुँच सकते थे।

जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सैकड़ों सोलर लैम्प, सोलर स्ट्रीट लाइट्स, तिरपाल (अस्थायी आश्रय हेतु), आवश्यक राशन और पीने का स्वच्छ पानी, दवाइयाँ, कंबल, कपड़े, जूते, बर्तन, और छात्रों के लिए स्कूल बैग व स्टेशनरी बाँटी गईं – विशेष रूप से बगसियाड़ और थुनाग में।

स्थानीय समुदायों के सहयोग से, गाँवों की माँग के अनुसार एक सूची बनाई गई है जिसमें गैस स्टोव, ट्रंक, अलमारी जैसी जरूरी घरेलू चीज़ें शामिल हैं, जिससे आने वाले महीनों में जीवन थोड़ा सहज बन सके।

मानसिक स्वास्थ्य का संबल

सिर्फ भौतिक राहत ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के वालंटियर्स ने भरसक सहायता की। बगसियाड़, थुनाग, ढेजी, पांडुशीला, शिलबगी और बगाचनोगी जैसे गांवों में रोजाना ध्यान और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस रिलीफ सेशन आयोजित किए जा रहे हैं।

इन प्रयासों का नेतृत्व कर रहीं ‘साध्वी अमृता जी’ स्थानीय स्तर पर स्वयं मौजूद हैं और लोगों को आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक संबल दे रही हैं।

उन्होंने कहा,
“गुरुदेव कहते हैं कि प्रेम को क्रियान्वित करना ही सेवा है। इस समय यहाँ लोगों को एक ‘हीलिंग टच’ की जरूरत है। भय और क्षति की भावना व्याप्त है। कुछ प्राणायाम और ध्यान से उन्हें शांति मिलती है। हम उनकी मानसिक शांति के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”

संगठन ने राहत वितरण को सुचारु बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन, विशेष रूप से कमिश्नर श्री जगन ठाकुर के साथ भी समन्वय स्थापित किया है, ताकि सहायता सही लोगों तक पहुँच सके।

ये राहत प्रयास लगातार जारी हैं। टीम न केवल तत्काल राहत बल्कि दीर्घकालिक पुनर्वास के लिए भी समर्पित है – खासतौर से सर्दियों की कड़ी चुनौतियों के लिए स्थानीय समुदायों को तैयार करने में।

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