हि.प्र.पथ परिवहन निगम के पेंशनधारकों ने सरकार को दिया 45 दिन का अल्टीमेटम, मांगे नहीं मानी तो सचिवालय के सामने शुरू करेंगे आमरण अनशन
हिमाचल प्रदेश राज्य पथ परिवहन निगम के पेंशनर अब तक की राज्य की सभी सरकारों के रवैए से बेहद नाखुश हैं और न्याय की आस में बैठे हैं । आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता के दौरान एचआरटीसी समस्या समाधान मंच के अध्यक्ष अशोक पुरोहित ने कहा कि प्रदेश के आठ हजार पेंशनर्स रिटायरमेंट के बाद अपने हक के लिए तरस रहे हैं । उन्होंने कहा कि सरकार पेंशनरों के लिए 110 करोड रुपए का प्रावधान करने के झूठे दावे कर रही है जबकि 2016 के बाद रिटायर हुए लोगों को सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिए गए हैं । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बार-बार सामाजिक सुरक्षा पेंशन का राग अलापते हैं लेकिन यह सामाजिक सुरक्षा पेंशन एचआरटीसी के पेंशनरों की पेंशन पर डाका डालकर बढ़ाई गई है । उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के पेंशनरों की पेंशन एक वैधानिक दायित्व है और सरकार को इसका श्रेय लेने का कोई हक नहीं है । पुरोहित ने पेंशनरों की समस्या के स्थाई समाधान की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एचआरटीसी के पेंशनरों को तुक्कड़मार पेंशनर बना दिया गया है । उन्होंने कहा कि पेंशनरों के लाखों रुपए पर सरकार कुंडली मारकर बैठी है । अशोक पुरोहित ने कहां कि प्रदेश के नौकरशाह सरकार को गुमराह कर रहे हैं उन्होंने साफ किया कि अगले 45 दिनों के भीतर अगर सरकार ने पेंशनर्स की मांगे नहीं मानी तो सचिवालय के बाहर सामूहिक आमरण अनशन पर बैठने जैसे सख्त फैसले से भी पेंशनर्स गुरेज नहीं करेंगे ।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए । पुरोहित ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में परिवहन निगम के पेंशनधारियों के साथ अन्याय हुआ जिस कारण उसे हार का मुंह देखना पड़ा और अब वर्तमान की भाजपा सरकार ने भी अपने वादे को पूरा नहीं किया ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के पेंशनर और उनके परिवार के सदस्य सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे ।