Today News Hunt

News From Truth

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का दावा – अर्थव्यवस्था बढ़ाने में जीएसटी की है गेमचेंजर भूमिका

Spread the love

केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट मामले राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने जीएसटी की चौथी वर्षगाँठ के अवसर पर भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में जीएसटी की भूमिका को गेमचेंजर बताया है । अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि “ देश में आर्थिक सुधारों को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार 4 वर्ष पूर्व जीएसटी लेकर आई।1 जुलाई 2017 को 17 स्थानीय टैक्स खत्म कर देशभर में जीएसटी लागू किया गया था और आज जीएसटी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में एक गेम चेंजर साबित हुई है । भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में बड़े पैमाने पर किया जाने वाला कोई भी सुधार बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रधानमंत्री ने जीएसटी के लागू होने के दिन संसद के सेंट्रल हॉल में कहा था कि समय के साथ व्यवहारिक दिक्कतों को दूर किया जाएगा। समय के साथ जीएसटी के क्रियान्वयन में जो दिक्कतें आ रही थीं उसका बेहतर समाधान निकाला गया है। पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है। जीएसटी धोखाधड़ी से निपटने के लिए कर अधिकारियों की भी सराहनीय भूमिका है “

आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा”हमारे प्रधानमंत्री ने जीएसटी को गुड एंड सिंपल स्कीम कहा है।पीएम ने कहा जीएसटी के लागू होने के दिन संसद के सेंट्रल हॉल में कहा था कि समय के साथ व्यवहारिक दिक्कतों को दूर किया जाएगा। जीएसटी के क्रियान्वयन में जो दिक्कतें आ रही थीं उसका बेहतर समाधान निकाला गया है। कोरोना काल के बावजूद पिछले 8 महीने से लगातार जीएसटी रेवेन्यू एक लाख करोड़ रुपये के आँकड़े को पार कर रहा है और अप्रैल 2021 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी राजस्व संग्रह किया गया है ।आज एक करोड़ 28 लाख रजिस्टर्ड उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं। जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल की गई हैं। जीएसटी के तहत दरें कम होने से कर अनुपालन बढ़ा है और इस दौरान जीएसटी राजस्व में धीरे धीरे वृद्धि होती रही है।

अनुराग ठाकुर ने कहा “वित्त मंत्रालय 54,000 से अधिक जीएसटी करदाताओं को सही समय पर रिटर्न दाखिल करने और कर का नकद भुगतान करने पर प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सम्मानित करेगा। पहचान किये गये इन करदाताओं में 88 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी है। इसमें सूक्ष्म (36 प्रतिशत), लघु (41 प्रतिशत) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 प्रतिशत) शामिल हैं। ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं। जीएसटी के तहत अप्रत्यक्ष करों के एक से अधिक अंक को कम करके, भारत को एक आर्थिक संघ बनाने के लिए अप्रत्यक्ष कर के एक सामंजस्यपूर्ण प्रणाली की राह प्रशस्त हुई है, जिसने उच्च दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है”

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *