शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय संजौली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित ‘छात्र संवाद’ में छात्रों को किया संबोधित,
भारत को विश्व गुरु बनाने तथा समृद्धशाली राष्ट्र निर्माण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कारगर साबित होगी। शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय संजौली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित ‘छात्र संवाद’ में छात्रों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक दृष्टि से परिवर्तन की आवश्यकता थी, जो 25 से 30 वर्षों के उपरांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का सही अर्थ ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास है। शिक्षा पद्धति का ज्ञानवर्धक होना अति आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के लोगों को उड़ान प्रदान करेगी तथा भारत में रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्हांेने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण के लिए कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया, जिसके निर्माण के दौरान देश से लगभग 6 लाख सुझाव प्राप्त किए गए और समय-समय पर संशोधन किया गया। उन्हांेने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से जीडीपी का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में लम्बे समय तक शासन करने के लिए लाॅर्ड मेकाले ने शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन किया। तदोपंरात आजाद भारत में समय-समय पर शिक्षा के क्षेत्र में थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन समय की मांग के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा सामग्री तथा व्यापक परिवर्तन नहीं किया गया।
उन्हांेने कहा कि दूसरे देश के पद चिन्हों पर विकसित राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है यदि 1947 में ही शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव किया होता तो आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की जरूरत न होती। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पूर्व प्राथमिक स्तर की शिक्षा तीन वर्ष तक दी जाएगी, जिसमें बच्चों को प्ले स्कूल में खेल-खेल के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा नीति में मातृ भाषा को 8वीं तक तथा उससे आगे की शिक्षा मंे प्राथमिकता देने का भी प्रावधान किया गया है।
शहरी विकास मंत्री ने भारत सरकार के द अर्बन लर्निंग एंड इंटरनशिप प्रोग्राम (ट्यूलिप) पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा कि ट्यूलिप कार्यक्रम भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। कार्यक्रम में स्नात्तक स्तर की शिक्षा पूरी कर चुके छात्रों को देशभर के शहरी स्थानीय निकायों एवं स्मार्ट सिटी जैसी परियोजनाओं में इंटरनशिप करने का अवसर प्रदान करेगा।
कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को शहरी स्थानीय निकायों की विस्तृत कार्य प्रणाली का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा बल्कि इसके माध्यम से ऐसा मानव संसाधन पुल भी तैयार किया जाएगा, जिससे उद्योग अपनी आवश्यकता के अनुरूप कार्य के लिए अनुबंधित कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि इंटरनशिप कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक परिस्थितियों में कार्य करने का अनुभव प्राप्त होगा, जिससे वह बाजार की चुनौती पूर्ण परिस्थितियों का आसानी से सामना कर सकेंगे। कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में युवाओं की क्षमता का यथासंभव प्रयोग हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि ट्यूलिप कार्यक्रम न्यू इंडिया की नींव रखने में मददगार साबित होगी। कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही इससे संबंधित पोर्टल को भी लाँच किया गया है।
कार्यक्रम में अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद प्रो. सुनील गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर अपनी विस्तृत बात रखी तथा छात्रों से सुझाव आमंत्रित किए।
इस दौरान मुख्य वक्ता एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल विश्वविद्यालय मण्डी के पूर्व कुलपति प्रो. चमन चंदन ने भी शिक्षा नीति पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्य राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय संजौली डाॅ. सीवी मेहता तथा अन्य प्राध्यापकगण एवं छात्र उपस्थित थे।
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