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शिमला रंगमंच को बुलंदी पर पहुंचाने वाले प्रख्यात निर्देशक व कलाकार स्व.देवन जोशी की पहली पुण्य तिथि पर सालों बाद ऐतिहासिक गेयटी थिएटर हुआ गुलज़ार

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हिमाचल खासकर शिमला रंगमंच का एक ऐसा सितारा जिसने रंगमंच को बुलंदियों पर पहुंचाया आज भले ही हमारे बीच ना हो लेकिन रंगमंच से जुड़े सभी कलाकारों के दिलो-दिमाग में वो इस कदर छाए हुए हैं कि आज भी उनकी मौजूदगी की अनुभूति हर किसी को होती है। देवन जोशी रंगमंच और रंगमंच से जुड़े कलाकारों को छोड़कर 1 साल पहले उस लोक पधार गए और अब उन्हें एक साल पूरा हो गया है । उनकी याद में रंगमंच से जुड़े सभी कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं। शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थिएटर सालों बाद गुलजार हुआ है और इसमें सबसे अहम किरदार निभाया है देवन जोशी के शागिर्द मुंबई नगरी के बेहतरीन कलाकार और निर्देशक रवि कौशल ने । इन दिनों गेयटी थिएटर में नाटकों के मंचन को लेकर रिहर्सल चल रही है और इसमें शिमला के रंगमंच के वटवृक्ष कहलाए जाने वाले प्रवीण चांदला दद्दू से लेकर नन्हे नन्हे कलाकारों तक हर कोई अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है । शिमला के प्रसिद्ध कलाकार देवेन जोशी की पहली पुण्यतिथि पर 12 व 13 मार्च को गेयटी थियेटर में दो दिवसीय नाट्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है।  जाने-माने साहित्यकार और कला समीक्षक और देवेन जोशी के बड़े भाई श्रीनिवास जोशी ने बताया कि 12 मार्च को “30 डेज ऑफ सितंबर” और एडवर्ड एल्बी के प्रसिद्ध नाटक जू स्टोरी का मंचन 13 मार्च को होगा.

देवेन जोशी 70 के दशक से ही अपनी विलक्षण प्रतिभा से लगातार शिमला थियेटर को सपोर्ट कर रहे थे।  उन्होंने कई स्व-निर्देशित नाटकों में अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया।  यथार्थवादी नाटकों में आधे- अधूरे, आषाढ़ का एक दिन, ‘किसी एक फूल का नाम लो’, ‘खामोश अदालत जारी है’, ‘थैंक यू मिस्टर ग्लैड’ और इंद्रजीत निर्देशित ‘पगला घोड़ा’, ‘संध्या छाया’, ‘द  जू-स्टोरी’।  इतना ही नहीं कई उभरती प्रतिभाओं को दिशा भी दी।  ,

● देवेन जोशी के शिष्य रवि कौशल उन्हें श्रद्धांजलि देने मुंबई से खासतौर पर शिमला आए हैं।  वह पिछले एक महीने से शिमला में हैं और नाटक “द जू स्टोरी” का निर्देशन कर रहे हैं, जिसका मंचन 13 मार्च को शाम 5:00 बजे होगा।  अभिनेता, निर्भीक निर्देशक और लेखक रवी कौशल का कहना है कि वे आज जो भी हैं उसमें देवन जोशी जी का बहुत बड़ा योगदान है।  वो बताते हैं.. कि देवन जोशी एक ऐसे शिक्षक थे जिन्होंने उन्हें अभिनय के साथ जीवन जीने का पाठ पढ़ाया।  देवेन जोशी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने उनके नाटकों में अभिनय किया और फिर एक पेशेवर कलाकार के रूप में मुंबई चले गए।  वह बताते हैं कि 70 के दशक में देवेन जोशी शिमला के समकालीन अभिनेताओं के साथ निर्देशित और अभिनीत नाटक “द जू स्टोरी” तैयार कर रहे हैं।  इसको लेकर वह बेहद खुश हैं।

रवि कौशल दशकों बाद अपनी कर्मभूमि में हर वर्ग के कलाकारों से मिलकर बेहद खुश हैं ।

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