प्रदेश के एक मंत्री द्वारा पुलिसकर्मियों की निगम की बसों में दी जाने वाली यात्रा सुविधा को मुफ्त व कार्ड के दुरुपयोग जैसे शब्दों से राज्य के सभी पुलिस कर्मियों में रोष, न्यायालय में जा सकता है पुलिस कल्याण संघ
बस में मुफ्त यात्रा और आई-कार्ड के दुरुपयोग के मुद्दे पर पुलिस कर्मियों और कर्मचारियों में काफी रोष है। मंत्री को नोटिस भेजा जाएगा। पुलिस की छवि और भावनाओं को ठेस पहुंची है। मामला कोर्ट में भी जा सकता है। रमेश चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश पुलिस कल्याण संघ (पंजीकृत)
आई-कार्ड पर हिमाचल प्रदेश पुलिस की एचआरटीसी बसों में यात्रा का किराया 220 रुपये प्रति माह है। 18 हजार पुलिस कर्मियों और कर्मचारियों द्वारा एक माह में करीब 45 लाख रुपये सरकार को दिए जाते हैं यानी साल में करीब 5 करोड़ रुपये एचआरटीसी बसों के लिए सरकार को दिए जाते हैं, वह भी सरकारी ड्यूटी है। अगर ऐसा करना ही है तो मंत्री द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में जो मुफ्त यात्रा और दुरुपयोग जैसे शब्द कहे गए हैं, वह निंदनीय हैं और पुलिस की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान हैं। इससे हिमाचल प्रदेश के करीब 18 हजार पुलिस कर्मियों और कर्मचारियों की छवि भी धूमिल हुई है। मानसिक तनाव भी काफी है जो सरकार के हित में नहीं है। हाल ही में पुलिस कल्याण संघ (रजि.) की एक बैठक शिमला के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चौहान की अध्यक्षता में हुई। जिसमें यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि सरकार के मंत्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि पुलिसकर्मी एचआरटीसी की बसों में मुफ्त यात्रा करते हैं तथा आई कार्ड का दुरुपयोग होता है, जिससे एचआरटीसी को भी घाटा हो रहा है। मंत्री के उपरोक्त बयान का हिमाचल प्रदेश पुलिस कल्याण संघ (रजि.) ने कड़ा संज्ञान लेते हुए मंत्री को नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। यदि आवश्यक हुआ तो उपरोक्त मामले को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी उठाया जा सकता है। क्योंकि उपरोक्त मामला पुलिस जवानों व कर्मचारियों के अनुशासन (डिसिप्लिन फोर्स) से जुड़ा हुआ है, इसके अलावा यदि पुलिस आई कार्ड बंद है तो ड्यूटी पर जाने से पहले अग्रिम भत्ता दिया जाए तथा नए स्केल पर अतिरिक्त वेतन दिया जाए तथा पुलिस जवानों व कर्मचारियों की ड्यूटी 8 घंटे की हो तथा सप्ताह में एक अवकाश पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 108 के अनुसार दिया जाए, जैसा कि पुलिस अधिनियम में सरकार द्वारा उपरोक्त प्रावधान किया गया है। आगामी बैठक 26 अगस्त 2024 को शिमला में होगी और उस बैठक में कड़े निर्णय लिए जाएंगे यदि तब तक सरकार ने पुलिस आई कार्ड बहाल नहीं किया तथा उपरोक्त मामले में आवश्यक कार्रवाई नहीं की।