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महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद की जयंती पर भाजपा युवा मोर्चा ने मनाया युवा दिवस, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन और पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज ने किया युवाओं का मार्गदर्शन

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भाजपा जिला शिमला युवा मोर्चा द्वारा युवा दिवस का कार्यक्रम दीपकमल चक्कर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, पूर्व मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज, उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, कोषाध्यक्ष कमलजीत सूद, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, जिला अध्यक्ष केशव चौहान वरिष्ठ नेता गणेश दत्त एवं रूपा शर्म विशेष रूप से उपस्थित रहें । कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष हनीश चोपड़ा द्वारा की गई थी।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिद्धार्थन ने कहा की स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों को युवाओं तक पहुंचाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए, 1984 में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया। इस दिन, देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिनमें युवाओं को शामिल किया जाता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और राष्ट्र सेवा की भावना को जागृत करना होता है। राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह युवाओं को एक मंच प्रदान करता है जहां वे अपनी आवाज उठा सकते हैं। यह दिन युवाओं को उनके जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करने का भी एक अवसर है।


सुरेश भारद्वाज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा भारत अपनी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष-2047 की ओर आगे बढ़ रहा है, ऐसे में हमारे युवा विकसित भारत के निर्माण के हमारे मिशन में सबसे आगे हैं। बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक लाख युवाओं को राजनीति में शामिल करने के माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर, हमने राष्ट्रीय युवा महोत्सव को एक असाधारण रूप में परिकल्पित किया है-‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’। यह संवाद केवल एक आयोजन नहीं है, यह एक अभियान है, युवा सशक्तिकरण, नेतृत्व और व्यावहारिक विचारों का एक जीवंत उत्सव है, जो ‘विकसित भारत’ से जुड़े देश के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहा विवेकानंद जी के भाषणों का केंद्र बिंदु युवा शक्ति ही रहा करती थी इसलिए संपूर्ण भारतवर्ष में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिकागो में अपने भाषणों के माध्यम से उन्होंने पश्चिमी जगत के अनेकों धुरंधर चिंतकों को विस्मृत कर दिया था। विश्वकल्याण से परिपूर्ण उनके वेदांत के स्वर्णिम चिंतन को सुनकर वहां के समाचार पत्रों ने स्वामी विवेकानंद के बारे में लिखा था कि धर्म की इस महान संसद में विवेकानंद ही सबसे महान है। इन्होंने विदेशों में अपने व्याख्यानों के माध्यम से भारतीय संस्कृत के शाश्वत मूल्यों को प्रस्तुत करके भारत की प्राचीन उन्नत ज्ञान की गौरवशाली परंपरा का मान सम्मान बढ़ाया। युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद के विचार संपूर्ण युवा शक्ति को विषम परिस्थितियों में भी कर्म पथ पर निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम में अक्षय भरमौरी, प्यार सिंह कंवर, सुशील राठौर, कुसुम सदरेट, गौरव कश्यप, सूर्य मेहता, अभिमन्यु शर्मा, मदन शर्मा, मंडल अध्यक्ष शिवानी, यशपाल, संजीव चौहान, राहुल ठाकुर, गगन लखनपाल, राजेश शारदा, रोहित ठाकुर, सुशील चौहान, सिद्धार्थ मेहता, विकास, जितेन्द्र समित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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