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जिला शिमला में 20 मई के बाद होगी प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों से कच्ची हल्दी की खरीद, सरकार ने गेंहूं, मक्की और कच्ची हल्दी के समर्थन मूल्य में किया इज़ाफ़ा

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हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को वढावा देने के लिए गेंहू, मक्की और कच्ची हल्दी के समर्थन मूल्य बढ़ाकर गेंहू का मूल्य 60रु प्रति किलो,मक्की का मूल्य 40रु प्रति किलो और कच्ची हल्दी का मूल्य 90 रु प्रति किलो तय किया है। इसी के तहत जिला शिमला 20 मई के बाद कच्ची हल्दी को प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों से 90 रु प्रति किलो के हिसाव से खरीद करेगा। यह हल्दी जाईका प्रोजेक्ट के माध्यम से खरीदी जाएगी। इस सीजन में 5.5 क्विंटल व खरीफ में 10 मीट्रिक टन अपेक्षित है। इसके अलावा जिला में अभी तक 25 हज़ार 843 किसानों को प्राकृतिक खेती मे प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जो 3734 हेक्टर में खेती कर रहे है। मुख्य मन्त्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूरे हिमाचल में इस साल एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने की घोषणा की है। जिसमें से जिला शिमला में 10,000 से अधिक किसान जोड़े जांएगे। आत्मा परियोजना निदेशक देवी चन्द कश्यप ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से प्राकृतिक खेती को वढावा देने हेतु जिला शिमला में प्राकृतिक खेत्ती खुशहाल किसान योजना, नैशनल मिशन ऑफ नेचुरल फार्मिंग भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति एवं आत्मा योजना चलाई जा रही है। जिसमें उक्त योजनाओं के लिए साढ़े 6 करोड़ रु से अधिक का अनुमानित बजट अपेक्षित है।

इस वित्त वर्ष में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अन्र्तगत प्रशिक्षित किसानों को प्लास्टिक ड्रम साईकल हल, देसी गाय पक्का फर्श, फिरोमन ट्रेप पर अनुदान दिया जाएगा। जिसमें एक ड्रम पर 750/रु साईकिल हल 1500/रु देसी गाय पर 30,000/रु एवं पक्के फ़र्श पर 8000/रु तक अधिकतम अनुदान दिया जाएगा। जबकि नेशनल मिशन नेचुरल फार्मिंग के अधीन जिला शिमला में 50 कलस्टर बनाए गए है। जिनमें 33 वायोरिर्सोस सेन्टर चिन्हित किए गए है तथा 100 क्म्यूनिटी रिर्सोस पर्सन एवं कृषि सखी रखे है। जिन्होने मार्च महीने से किसानों को प्राकृतिक खेती के गुण सिखाने शुरू कर दिए है। हर क्म्यूनिटी रिर्सोस पर्सन एवं कृषि सखी हर महिने 16 दिन किसानों के बीच रहेंगें जो एक कलस्टर में 125 किसानों को प्राश्क्षिण देंगे। जबकि वायोरिसॉस सेन्टर में प्राकृतिक घटक तैयार रहेगे जिसके लिए सारे वायोरिर्सोस सेन्टर को सरकार द्वारा एक-एक लाख रु की सहायता भी प्रदान की जाएगी और जो किसान इस कलस्टर में अच्छे से प्राकृतिक खेती एवं उत्पाद तैयार करेगें उन्हें 4000 रु की कुल सहायता राशि भी दी जाएंगी। इस वर्ष प्रत्येक कलस्टर में 7 जागरूकता शिविर भी लगाऐं जाएगे, जिन्हे पंचायतो, युवक मण्डलों व अन्य चयनित केन्द्रों पर आयोजित किया जाएगा। आत्मा एवं भारतीय परमपरागत कृषि पद्यति योजना के अर्न्तगत जिला में प्रशिक्षण शिवर एक्सपोजर विजिट, किसान प्रदर्शन किसान गोष्ठी और किसान मेलो का आयोजन भी किया जाएगा। हर किसान का सितारा पोर्टल में पंजीकरण भी किया जाएगा। जिले में उत्कृष्ट किसानों को पारितोषिक भी दिया जाएगा। ब्लाक में एक और जिला में तीन किसानों को समानित किया जाएगा।

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