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हिमाचल प्रदेश किसान सभा ने भूमि अधिग्रहण प्रभावितों के साथ की बैठक,भू अधिग्रहण कानून के तमाम पहलुओं पर की चर्चा

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राजधानी शिमला के साथ लगती 7 पंचायतों के भूमि अधिग्रहण प्रभावित परिवारों की एक बैठक चम्याणा पंचायत घर में हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर के नेतृत्व में हुई जिसमें 50 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में डॉ तंवर ने प्रभावित किसानों को 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून से लेकर 2013 में किये गए महत्वपूर्ण बदलाव के तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की तथा विभिन्न प्रावधानों को सदस्यों के समक्ष रखा। डॉ तंवर ने कहा कि प्रदेश में 2015 में कॉंग्रेस की सरकार ने इस कानून को लागू करते हुए फेक्टर-1 के आधार पर जमीन का मुआवजा तय किया जबकि केंद्रीय कानून में यह फेक्टर-2 दिया जा सकता था। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही 2018 में इसकी समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया तथा किसानों को फेक्टर-2 के आधार पर मुआवजा देने की बात की।
डॉ तंवर ने जानकारी दी कि केथलीघाट से ढली तक इस फोरलेन की दूरी 27 किलोमीटर है, जिसे बनाने के लिए 3223 करोड़ रुपये अनुमानित लागत होगी। इसमें 24 डम्पिंग स्थान होंगे तथा 30 पुल बनेंगे।
पंचायतों से आये प्रभावित सदस्यों ने बताया कि 2016 से अधिकृत की गई लेकिन पैसा 2013 के आधार पर कम दिया गया है। इसके साथ अभी तक भी स्थिति, डिमार्केशन, नक्शा आदि स्पष्ट नहीं है। सिंचित, असिंचित, घासनी, बंजर जमीन के लिए एक ही रेट तय किया गया है, जबकि यह अलग अलग होना चाहिये था। अभी तक कई बार इसके सर्वे को बदला जा चुका है।
प्रभावित लोगों का कहना है कि किसी भी एजेंसी द्वारा लोगों को फोरलेन के विभिन्न मापदंडों एवं प्रावधानों बारे जागरूक नहीं किया जा रहा है, जिससे लोगों में स्पष्टता नहीं है। सरकार द्वारा भी इस सम्बंध में कोई प्रयास सिरे नहीं लगाए जा रहे। जबकि 14 दिसम्बर को धर्मशाला में प्रभावित मंच को दिए गए आश्वासन के मुताबिक कोई जन सुनवाई इस बारे नहीं की गई।
चर्चा में भाग लेते हुए प्रभावित लोगों ने कहा कि फोरलेन के दोनों तरफ उनकी जमीन है जबकि पानी, बिजली, रास्तों, पशुओं की आवजाही, तथा लोगों के अधिकारों की सुरक्षा बारे कोई स्पष्टता नहीं है।
इस सम्बंध में जल्द ही पंचायतों के प्रभावित लोग राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण एवं प्रदेश सरकार से एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा जो अपनी मांगो बारे अवगत करवाएगा।
डॉ तंवर ने बताया कि अभी तो फोरलेन बनने में ही कई साल लग जाएंगे, उसके बाद इसे व्यवस्थित करने में कई वर्ष लगेंगे। इसलिए लोगों को अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक मंच पर आकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। मिलकर चलने में ही सबका हित है।
इस मौके पर चम्याना, मल्याणा व पुजारली की पंचायत कमेटियों का भी गठन किया गया। साथ ही 7 पंचायतों की केंद्रीय कमेटी का विस्तार किया गया जिसमें जयशिव ठाकुर संयोजक, नेकराम सहस्योंजक तथा बाबू राम वर्मा, रमेश ठाकुर, नरायण, जयचंद, राकेश, मदन ठाकुर, राजेंद्र, मोहन सिंह, खेम चन्द, दलीप, परमानन्द शर्मा, विजय, किशन शर्मा, योगराज शर्मा, योगेश शर्मा को कमेटी सदस्य शामिल किया गया।
इस अवसर पर गोविन्द चतरांटा, सत्यवान पुण्डीर, रामकृष्ण शांडिल, पंचायत प्रधान रीता जी, उप प्रधान यशपाल वर्मा, सुरेश पुण्डीर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।

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