Today News Hunt

News From Truth

प्रख्यात साहित्यकार व लेखक एस आर हरनोट आधार साहित्य सम्मान से सम्मानित, यात्रा संस्मरण की नई कृति “कुंजोम” और लेखन की रचनाशीलता पर पल प्रतिपल के विशेषांक का लोकार्पण

Spread the love

प्रख्यात साहित्यकार एस आर हरनोट को वर्ष 2024 के आधार साहित्य सम्मान से नवाजा गया है। पंजाब कला भवन के विशाल रंधावा सभागार में शनिवार को आधार साहित्य उत्सव के अवसर पर एक भाव समारोह में यह सम्मान दिया गया। वर्ष 2025 का आधार सम्मान कथाकार जयशंकर को मिला।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि, चित्रकार और पंजाब कला परिषद के चेयरमैन स्वर्णजीत सवी ने की। वरिष्ठ रंग निर्देशक रोबिन दास मुख्य अतिथि रहे। युवा आलोचक गीता कुमारी ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम की शुरुआत जानीमानी गायिका और शोधछात्रा सीमा गौतम ने शब्द गाकर की जिसने सभागार को भावविभोर कर दिया।

मुख्य वक्ता जेएनयू के प्रोफेसर लेखक देवेंद्र चौबे थे। चंबा से आए अलाोचक कवि प्रशांत रमण रवि ने हरनोट के कथा संसार पर विस्तार से बात की और पंचकूला से आए आलोचक अंकित नरवाल ने जयशंकर की कहानियों पर वक्तव्य दिया।

सम्मान के बाद हरनोट ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब आपको कोई पुरस्कार मिलता है तो आपकी जवाबदेही और बढ़ जाती है।
यह पुरस्कार केवल लेखक को नहीं मिलता बल्कि यह परिवार के साथ संबंधित प्रदेश, पाठकों और आलोचकों को भी मिलता है जिनका लेखक की निर्मिती में योगदान रहता है। उन्होंने आधार प्रकाशन से अपने पारिवारिक संबंध बताए और कहा कि यदि 25 वर्ष पूर्व देश निर्मोही जी उनकी पुस्तक नहीं छापते तो आज वह इस मंच पर नहीं होते। उन्होंने प्रख्यात लेखक और पहल के संपादक ज्ञान रंजन जी को भी बहुत मन से याद किया जिन्होंने दारोश का ब्लर्ब लिखा था। हरनोट ने आगे कहा कि आज का सबसे जरूरी विमर्श पर्यावरण है और हमारे आसपास से अचानक चीजों का गायब हो जाना चिंतनीय है। मनुष्य की असंवेदनशीलता और सत्ताओं की क्रूरता ने इस पृथ्वी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। हरनोट ने अपनी बात एक लंबी कविता से समाप्त की। उन्होंने आधार प्रकाशन के संचालक देश निर्मोही और उनकी अर्धांगिनी पूजा जी का भी इस भव्य आयोजन के लिए आभार व्यक्त कियइस आयोजन में चंडीगढ़ के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली और मुंबई से लेखक, रंगकर्मी, चित्रकार फिल्म निर्माता और शोध छात्र उपस्थित रहे। हिमाचल चंबा से प्रशांत रमन रवि, कुल्लू से अजेय, विद्रोही, लगन, सोलन से जगदीश कश्यप, राजन तनवर, दक्ष शुक्ला और उनकी अर्धांगिनी, शिमला से दीप्ति सारस्वत और स्वप्निल शामिल रहे जिनका एस आर हरनोट ने विशेष आभार व्यक्त किया।

About The Author

You may have missed